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Jaipur Literature Festival: पाकिस्तान मुझे अपने बगल वाले कमरे की दीवार जैसा लगता है- JLF में बोले गुलजार


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Jaipur Literature Festival: पाकिस्तान मुझे अपने बगल वाले कमरे की दीवार जैसा लगता है- JLF में बोले गुलजार

राजधानी में चल रहे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन गीतकार गुलजार ने अपने जीवन के कुछ अहम पहलुओं पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने अपने जीवन पर लिखी किताब के बारे में भी बात की।

जयपुर : जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन अपने जीवन पर लिखी किताब के विषय में चर्चा करते हुए गुलजार भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि 9 से 10 साल की उम्र में किसी भी बच्चे से देश की स्थिति या हालात के विषय में जानकारी होना संभव नहीं है, लेकिन इस उम्र में अगर आपने अपनी आंखों से कुछ देखा हो तो उसे भूल पाना भी संभव नहीं है।

गुलजार ने अपने बचपन के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी आंखों से मोहल्ले में जलते हुए लोग देखे हैं। उन्होंने कहा कि जलने के बाद निकलने वाली बदबू आज भी जेहन में बसी हुई है। गुलजार ने कहा कि पाकिस्तान मेरे लिए इतना पास है कि वह मेरे लिए मेरे घर के बगल की दीवार है, मेरे घर के बगल वाले कमरे की खिड़की है।

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