बूंदी : बूंदी के रामनगर में 14 साल की बेटी को परिजनों ने देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया। अब जब वह अपना जीवनसाथी चुनकर घर बसाना चाहती है तो परिवार के लोग ही दीवार बनकर खड़े हो गए हैं। 24 साल की पीड़िता के एक 5 साल का बेटा भी है। पीड़िता ने बुधवार को एसपी ऑफिस पहुंचकर पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाकर दोनों भाई और बड़ी भाभी और मां के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। बूंदी बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार के समक्ष पीड़िता के बयान कराकर, उसे वन स्टॉप सखी सेंटर बूंदी भेजा गया है।
14 की उम्र में बेचा, पढ़ाने के बाद कराया देह व्यापार
बूंदी जिले के एक गांव की रहने वाली गीता (बदला हुआ नाम) ने बताया कि 2014 में मैं 14 साल की थी, तब परिजनों ने मुझे आठ लाख रुपए में ढाई साल के लिए ग्वालियर में गिरवी रख दिया। वहां मुझे तीन साल पढ़ाया लिखाया गया, उसके बाद मुंबई के देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया गया। तब से मैं इस दलदल में हूं। मेरी मां, दोनों भाई और बड़ी भाभी ने मुझे इस दलदल में धकेला है। अब मैं देह व्यापार नहीं करना चाहती, लेकिन घर वाले मुझे इस दलदल से निकलने नहीं दे रहे हैं। मैं जैसे-तैसे दलालों के चंगुल से छूटकर बूंदी पहुंची हूं। मैं यहां के एक युवक के साथ अपना घर बसाना चाहती हूं, लेकिन मुझे अपने परिजनों का डर सता रहा है। वे मुझे डरा धमकाकर अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं।
फिर प्रताड़ित करने लगे
गीता ने बताया कि गिरवी रखने का समय पूरा होने के बाद वो वापस आना चाहती थी, लेकिन गिरवी रखने वाले प्रताड़ित करने लगे और जैसे-तैसे बूंदी आई तो फिर से परिजनों ने मुंबई भेज दिया। पीड़िता ने बताया कि परिजनों ने इसका कारण गरीबी होना बताया था।
हिम्मत दिखाकर मुंबई से निकली, 3 माह तक छिपे रहे
मुंबई में रहने के दौरान गीता को बूंदी जिले के ही एक युवक के साथ प्यार हो गया। चार साल पहले ही दोनों शादी कर लेते, लेकिन परिजनों ने कर्ज उतारने की बात कहकर उसकी की शादी नहीं होने दी। इस दौरान युवक मुंबई आता जाता रहा। तीन माह पहले पीड़िता हिम्मत दिखाकर अपने प्रेमी के साथ मुंबई से बूंदी आ गई। तब से दोनों इधर-उधर छिपे रहे। पीड़िता का 5 साल का बेटा परिजनों के साथ था, परिजन पीड़िता को फोन कर रहे थे। लेकिन देह व्यापार के दलदल में फिर से धकेले जाने के डर से वह परिजनों के पास नहीं गई। पीड़िता का कहना है कि वह बीते 10 साल में देह व्यापार के जरिए 40 से 50 लाख रुपए परिजनों को दे चुकी है।
छोटी बहन को बचाया, कराई शादी
गीता 9 भाई बहनों में सातवें नंबर की थी। परिजनों ने सभी की शादी करा दी। इसका नंबर आया तो परिवार कर्ज तले दबे होने के चलते विवाह नहीं कराने का हवाला दिया। छोटी बहन को भी देह व्यापार के दलदल में धकेलने की तैयारी थी, लेकिन गीता ने हिम्मत दिखाकर ऐसा नहीं होने दिया और छोटी बहन की शादी सवाईमाधोपुर में करवाई।
पीड़िता की माने तो उसने इस बुराई से लड़कर अपना सुकून भरा जीवन जीने का निर्णय कर लिया है। लेकिन परिजन उसे अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं। इसके चलते बुधवार को उसने अपने प्रेमी के साथ एसपी ऑफिस पहुंचकर अपनी सुरक्षा की गुहार करते हुए, परिजनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। जहां बूंदी बाल कल्याण समिति अध्यक्ष के सामने उसके बयान लेने के बाद उसे वन स्टॉप सखी सेंटर बूंदी भेज दिया गया।
प्रशासन कराएगा शादी
पीड़िता को सुरक्षा देते हुए प्रशासन 3 फरवरी को रामनगर में गीता का हिंदू रीति-नीति के साथ विवाह कराएगा। कई सामाजिक संगठन जन प्रतिनिधि, प्रशासनिक और पुलिस विभाग के अधिकारी इस विवाह के साक्षी बनेंगे। नवयुगल जोड़ें को घर बसाने के लिए कई अभिभाषक परिषद सहित कई सामाजिक संगठन उपहार स्वरुप घरेलू सामान भेंट करेंगे।
बूंदी बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि कंजर समाज में व्याप्त कुप्रथा के चलते बेटियों को देह व्यापार के दलदल में धकेला जाता है। अब से बेटियां इस शोषण से बाहर आना चाहतीं हैं। यह एक अच्छी सोच है कि इस समाज की बेटियां देह व्यापार से निकालकर समाज की मुख्य धारा में आना चाहती हैं। समाज के सभी वर्ग मिलकर इसमें सहयोग करेंगे। प्रशासन और पुलिस इनके साथ खड़ी है। दोनों शादी करना चाहते है। 3 फरवरी को विवाह करवाया जाएगा। पीड़िता के बेटे को दस्तयाब कर कर उसकी मां का सुपुर्द कर दिया है।
बूंदी पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि युवती देह व्यापार के दलदल से निकलना चाहती है। पीड़िता को पूरी तरह से सुरक्षा दी जाएगी। सामाजिक कुरूतियों को खत्म करने के प्रयास लगातार जारी रहेंगे’।
बूंदी की 30 से 40 युवतियां अभी देह व्यापार के दलदल में फंसी हैं
पीड़िता ने बताया कि मुंबई में ही बूंदी जिले की करीब 30 से 40 युवतियां हैं, जो देह व्यापार दलदल में फंसी हुई हैं। हालांकि पूर्व में कई तो भाग छूटी तो किसी ने नया जीवन बसा लिया। बूंदी ही नहीं राजस्थान के अन्य जिलों की लड़कियां भी इस दलदल में है।