मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की 4 बड़ी घोषणाएं:पीएम किसान सम्मान निधि और सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाई; पाक विस्थापितों के लिए लाई जाएगी योजना
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की 4 बड़ी घोषणाएं:पीएम किसान सम्मान निधि और सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाई; पाक विस्थापितों के लिए लाई जाएगी योजना

जयपुर : राज्यपाल के अभिभाषण पर विधानसभा में जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 4 बड़ी घोषणाएं की हैं। राज्य सरकार ने किसानों को दी जाने वाली पीएम किसान सम्मान निधि, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और गेहूं की एमएसपी पर बोनस में बढ़ोतरी की है।
किसानों को दी जाने वाली पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब किसानों को हर साल 8 हजार रुपए मिलेंगे। पहले 6 हजार रुपए मिलते थे। इससे सरकार पर 1300 करोड़ रुपए का भार आएगा। वहीं गेहूं की फसल पर किसानों को 125 रुपए क्विटंल ज्यादा मिलेंगे। गेहूं की फसल की एमएसपी पर बोनस सहित 2275 रुपए मिलते थे, अब 2400 रुपए प्रति क्विंटल मिलेंगे।
वहीं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में भी सरकार ने 150 रुपए की बढ़ोतरी कर दी है। विधवा, बुजुर्गों और परित्यक्ताओं को अब हर महीने 1150 रुपए मिलेंगे। इससे सरकार पर 1800 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। वहीं पाक से विस्ताथपित परिवारों को आवास व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अलग से योजना लाने का ऐलान किया है।
राजस्थान जैसा भ्रष्टाचार कहीं नहीं हुआ
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि केंद्र से आया पैसा भी आपने विकास के काम में नहीं लिया। लिया तो कहां लिया, जिसकी जांचें चल रही हैं। ईडी घूम रही है। देख रहे हैं, किस तरह की भ्रष्टाचार की कहानी कहते हैं। राजस्थान जैसा भ्रष्टाचार किसी भी प्रदेश में नहीं हुआ।
4 भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही एसआईटी
सीएम ने कहा कि लक्ष्मणगढ़ से आने वाले सदस्य (गोविंद सिंह डोटासरा) की चर्चा में सुन रहा था। वो कह रहे थे कि केवल हाईकोर्ट की एलडीसी भर्ती परीक्षा की जांच लंबित है। बाकी की जांच चल रही है। आप किस पेपरलीक की जांच एसआईटी से करवाओगे।
सीएम ने कहा- माननीय सदस्य आप अपडेट हो जाएं। मैं जानकारी देना चाहता हूं कि राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा-2021, सीएचओ भर्ती परीक्षा-2020, वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2022, रीट परीक्षा-2021 सहित कई पेपरलीक की जांच एसआईटी की ओर से की जा रही है। कुछ सदस्यों ने पेपरलीक की जांच एसआईटी से नहीं सीबीआई से करवाने की बात कही थी। अगर जरूरत हुई तो सीबीआई से भी पेपर लीक की जांच करवाएंगे। युवाओं के साथ और उनके पिता का जो दर्द है। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
एक ही परिवार के 3-3, 4-4 सदस्य आरएएस में सिलेक्ट हो गए
सीएम ने कहा- जब हम पढ़ते थे, तब आरपीएससी की साख होती थी, लेकिन आज उस संस्था पर सवाल उठ रहे हैं। पेपरलीक के सरगनाओं को सामने लाने में पिछली सरकार विफल रही। अब युवाओं के साथ धोखा कभी बर्दाश्त नहीं होगा। आरपीएससी के मेंबर पेपर चोरी करते पकड़े गए।
पेपरलीक के मामलों ने युवाओं को आत्मदाह करने को मजबूर कर दिया। कई सदस्य तो ऐसे हैं, जिन्होंने खुद ने तो कुछ काम नहीं किया। वो अपने पिता और पूर्वजों की खा रहे हैं, लेकिन बात बड़ी-बड़ी करते हैं। इसलिए एक ही परिवार के 3-3, 4-4 सदस्य आरएएस में सिलेक्ट हो रहे थे। वो कौनसी चक्की का आटा खाते हैं, कहां का पानी पीते थे। यहीं नहीं आगे सुनिए, नंबर भी सबके बराबर आ रहे हैं। वो तो वही करेगा, जो उसे कहा गया है।

विपक्ष के सदस्यों को कौनसी तारीख की पर्ची का डर
भजनलाल शर्मा ने कहा कि मैं तो गांव से आने वाला व्यक्ति हूं। एक छोटे किसान परिवार से आता हूं। जीवन अभावों में भी गुजरा है। मेरा मुख्यमंत्री बनना शायद अच्छा नहीं लग रहा है। दरअसल, विपक्ष के कुछ सदस्यों में पर्ची का डर बैठा है, इसलिए वो बार-बार पर्ची की बात करते हैं। विपक्ष के सदस्यों को कौनसी तारीख की पर्ची का डर है। यह डर 25 सितंबर 2022 का है। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार का है।
पिछली सरकार में कोई काम बिना सेवा-पानी के नहीं होता था
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा- पिछली सरकार में आमजन का कोई भी काम बिना सेवा-पानी और खर्ची के नहीं होता था। खर्ची होती थी, इनके यहां प्रीपेड सेवा शुरू हो गई थी। मोबाइल में तो देखा था। इतना डला दो, इतना काम हो जाएगा। हमारी सरकार न पर्ची की है न ही खर्ची की। यह सरकार धरती की है। धरती पुत्रों की हैं।

तुष्टीकरण से नहीं कानून से चलेगा प्रदेश
सीएम ने कांग्रेस राज पर हमला बोलते हुए कहा- मुझे करौली की घटना याद है, जब पीड़ितों के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी। कन्हैयालाल का मामला ही देख लीजिए। जयपुर में युवक की हत्या को सांप्रदायिक रूप दिया गया। तुष्टीकरण के आधार पर फैसले हो तो संविधान और काननू बौने हो जाते हैं। बात संविधान की करते हैं, लेकिन उस पर चलना होता है। झालावाड़ और जोधपुर की घटनाओं को ही देख लेते, उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। देश-प्रदेश कानून से चलेगा, तुष्टीकरण से नहीं चलेगा। शांतिप्रिय प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
महिला अत्याचार पर बात उठाने वाले मंत्री को ही हटा दिया
सीएम भजनलाल ने कहा- जब भी कांग्रेस सरकार आती है, तब-तब महिला अत्याचार बढ़ते हैं। उस दलित महिला भंवरी को याद कीजिए। महिला अत्याचार पर बात उठाने वाले अपने ही मंत्री को कांग्रेस सरकार ने बर्खास्त कर दिया। ऐसा क्या कह दिया था कि सदन में बात उठाने के कुछ ही घंटे बाद अपने ही मंत्री को बर्खास्त कर दिया।

हमारी ट्रिपल इंजन की सरकार
ईआरसीपी पर भजनलाल शर्मा ने कहा- विपक्ष के सदस्य ईआरसीपी के एमओयू की कॉपी मांग रहे थे। पिछले एमओयू की कॉपी आपके पास है क्या। अगर है तो आप मुझे दे दें। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की योजना थी, नदी से नदी को जोड़ना। दुर्भाग्य से उनकी सरकार चली गई। उस समय ईआरसीपी की कल्पना की गई थी। कांग्रेस ने ईआरसीपी की योजना को लटकाने, भटकाने का काम किया। हमारी ट्रिपल इंजन की सरकार इसे पूरा करके दिखाएगी। पहले तो एमपी में भी आपकी सरकार थी, जिन्होंने लिखकर दिया कि हम नहीं करेंगे।
दोस्ती हो तो ऐसी, मध्यप्रदेश के सीएम साथ लेकर गए
हमारे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री यहां आए, साथ लेकर गए। दोस्ती हो तो ऐसी हो, पार्टी हो तो ऐसी हो। एक राजस्थान और मध्यप्रदेश की ऐसी योजना है, जिसे जनता याद करेगी। हम दिल्ली गए। आप कह रहे थे कि ऐसा हो गया। आप कुछ नहीं करें तो हम क्या करें। काम को करने की दृढ़ इच्छाशक्ति होती है।
नेता प्रतिपक्ष बोले- हवामहल विधायक जीतते ही गदा लेकर चल दिए
इससे पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बीजेपी पर निशाना साधा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा- कुछ लोगों को जीत की खुमारी हो जाती है। हमारे हवामहल से विधायक जीतते ही गदा लेकर चल दिए, जैसे रामलीला में रोल करना हो। आपके यहां से जैसे ही घुड़की लगी माफी मांग लेते हैं।
सहाड़ा विधायक अस्पताल जाकर डॉक्टरों को धमकाते हैं, कहते हैं कि आपकी औलाद लूली-लंगड़ी होगी। आप बाबाजी बन गए क्या जो श्राप देने लग गए। शाहपुरा के विधायक एक नई महिला अफसर को जनता के सामने धमकाते हैं, नौकरी खाने की धमकी देते हैं। शेरगढ़ के विधायक तो भरे समारोह में धमकाते हैं। मांडल से विधायक तो कह रहे हैं कि न्यायिक प्रक्रिया अपनाने की जरूरत नहीं है। आपके मंत्री यहां तो गांधी को नमन कर रहे हैं और चैंबर में गांधी-अंबेडकर की फोटो हटवाते हैं।
मुख्यमंत्री जी, आपके ही लोग नहीं चाहते आप ज्यादा दिनों तक पर रहें
जूली ने सीएम से कहा- मुख्यमंत्री जी आप सज्जन और सौम्य व्यक्ति हैं, आपके साथी नहीं चाहते आप ज्यादा दिनों तक इस पद पर रहें। आपकी सरकार में यह असमंजस क्यों बना हुआ है। सीएस और डीजीपी तक किराए के हैंं। एजी की नियुक्ति नहीं हो रही, हाईकोर्ट डांट लगा रहा है। आईएएस की सूची आती है और शाम को चेंज हो जाता है। ज्यादातर अफसरों को एडिशनल चार्ज दे रखा है। यह असमंजस क्यों बना रखा है। यह 100 दिन की कार्य योजना कब तैयार होगी?

मुख्यमंत्री जी, आप थानेदार की कुर्सी पर बैठ गए, लोगों ने कहा सीएम चुना है या थानेदार
जूली ने कहा- मुख्यमंत्री जी जब आप थाने का निरीक्षण करने गए तो कोई बड़ा अफसर प्रोटोकॉल में नहीं पहुंचा। आप हाजिरी भरने लग गए, थानेदार की कुर्सी पर बैठ गए। आप और हम ही हाजिरी भरने लग जाएंगे तो क्या रह जाएगा। इससे मुख्यमंत्री की पद की गरिमा गिरती है, ये आपके लोग इस तरह करवाते हैं। आप थाने में थानेदार की कुर्सी पर बैठ गए, लोग कहने लगे सीएम चुना है या थानेदार। आप इन बातों का ध्यान रखें।
बिना पढ़े हुए ही एमओयू कर लिया, ईआरसीपी का एमओयू तो सदन में रख दीजिए
जूली ने कहा- मुख्यमंत्री जी, आपने बिना पढ़े ही ईआरसीपी पर एमओयू कर दिया। यह पहली बार हमने देखा कि कोई दस्तावेज सदन में ही नहीं रखा गया और उस पर हम चर्चा कर रहे हैं। यह तो हमारे सदस्य सीधे हैं और ईआरसीपी बहुत अहम मसला है, इसलिए चर्चा कर ली, अन्यथा बिना दस्तावेज सदन में चर्चा नहीं होती। मुख्यमंत्री जब सदन में जवाब दें तो इस बारे में बताएं और ईआरसीपी का एमओयू तो सदन में रखवा दीजिए। ईआरसीपी वाले जिलों से 83 विधायक आते हैं उन्हें तो उस एमओयू की कॉपी दे दीजिए।
सरकार अच्छा काम करेगी तो हम साथ देगी, गलत करेगी तो सड़क पर भी उतरेंगे
अग्निवीर की जगह मंत्रीवीर योजना शुरू कर दी। मुख्यमंत्री जी ये लोग आपको निपटाने में लगे थे। जब आचार संहिता लगती है, चुनाव में आचार संहिता में बच्चियां स्वागत करती हैं तो हम 100-50 देते भी डरते हैं, आपने तो आचार संहिता में मंत्री बना दिया। हम संवैधानिक परंपराओं को माने। हमने पहले दिन ही कहा था सरकार अच्छा काम करेगी तो हम सरकार का साथ देंगे।
राजीव गांधी युवा मित्रों का नाम बदलकर अटल युवा मित्र कर दीजिए
जूली ने कहा- राजीव गांधी युवा मित्रों का क्या दोष है? आपको राजीव गांधी का नाम पसंद नहीं है तो मैं प्रस्ताव करता हूं कि इन्हें अटल युवा मित्र नाम दे दीजिए। बच्चों का रोजगार मत छीनिए।