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जाट समाज का रूपवास में दूसरा महापड़ाव शुरू:जिलेभर में आंदोलन की तैयारी, 3 फरवरी तक हो सकती है केंद्र सरकार से वार्ता


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जाट समाज का रूपवास में दूसरा महापड़ाव शुरू:जिलेभर में आंदोलन की तैयारी, 3 फरवरी तक हो सकती है केंद्र सरकार से वार्ता

जाट समाज का रूपवास में दूसरा महापड़ाव शुरू:जिलेभर में आंदोलन की तैयारी, 3 फरवरी तक हो सकती है केंद्र सरकार से वार्ता

भरतपुर : भरतपुर जिले रूपवास तहसील में जाट समाज ने अपना दूसरा महापड़ाव डाल दिया है। उच्चैन तहसील के जयचौली गांव में चल रहे महापड़ाव को आज 13वां दिन है। केंद्र ने आरक्षण की फाइल पर काम करने के लिए कमेटी तैयार कर दी है, 2 या 3 फरवरी को केंद्र में कमेटी की वार्ता होनी है। अब जाट समाज जिलेभर में छोटे-छोटे महापड़ाव डालने पर रणनीति बना रहा है।

दूसरे महापड़ाव में रणनीति बनाते जाट समाज के लोग।
दूसरे महापड़ाव में रणनीति बनाते जाट समाज के लोग।

केंद्र सरकार ने जाट समाज से 5 सदस्यों की कमेटी मांगी थी। सरकार ने 2 विधायक और 2 मंत्रियों की एक कमेटी बनाई थी। यह 9 सदस्य कमेटी आरक्षण की फाइल को आगे बढ़ाएगी, और केंद्र सरकार से भरतपुर-धौलपुर के जाटों को आरक्षण दिलाने की पैरवी करेगी।

जाट समाज ने अपनी तरफ से 5 सदस्य कमेटी के नाम सरकार को दे दिए, नाम दिए हुए करीब 3 दिन हो चुके हैं, 2 या 3 फ़रवरी को केंद्र से वार्ता होगी। वार्ता नकारात्मक रही तो जाट समाज रणनीति बदलकर आंदोलन को उग्र बना सकता है।

दूसरे महापड़ाव में जाट समाज के लोगों को भाषण देते आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार।
दूसरे महापड़ाव में जाट समाज के लोगों को भाषण देते आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार।

सरकार को चेताने के लिए जाट समाज ने दूसरा महापड़ाव रूपवास तहसील के गांव जटमासी में डाला है। रूपवास से रुदावल जाने वाले रोड़ पर जाट समाज के सैकड़ों लोग महापड़ाव डालकर बैठे हुए हैं। जाट समाज धीरे-धीरे आंदोलन को तेज कर रहा है। जाट समाज जिले में और भी जगह महापड़ाव डालने की रणनीति बना रहा है।

जयचौली गांव में महापड़ाव को संबोधित करते आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार।
जयचौली गांव में महापड़ाव को संबोधित करते आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार।

जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि हमने दूसरा महापड़ाव जटमासी गांव पर शुरू किया है। यह पड़ाव भी गांधीवादी तरीके से चलेगा। 1 या 2 फ़रवरी में केंद्र सरकार से वार्ता होनी है। केंद्र सरकार से वार्ता होने के बाद ही आंदोलन के आगे की रुपरेखा तैयार होगी।

जिले के कई इलाकों में महापड़ाव डाले जायेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य समाज को संगठित और एकजुट करना है। अगर सरकार ने वार्ता नकारात्मक रहती है तो, रणनीति बदलकर हमें ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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