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नहर सत्याग्रह को लेकर एसएफआई, डीवाईएफआई और किसान सभा ने झुंझुनूं आए उपमुख्यमंत्री डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा को यमुना नहर शुरू करने की मांग ज्ञापन सौंपा


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नहर सत्याग्रह को लेकर एसएफआई, डीवाईएफआई और किसान सभा ने झुंझुनूं आए उपमुख्यमंत्री डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा को यमुना नहर शुरू करने की मांग ज्ञापन सौंपा

नहर सत्याग्रह को लेकर एसएफआई, डीवाईएफआई और किसान सभा ने झुंझुनूं आए उपमुख्यमंत्री डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा को यमुना नहर शुरू करने की मांग ज्ञापन सौंपा

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : आज़ाद अहमद खान

झुंझुनूं : एसएफआई, नौजवान सभा और किसान सभा ने झुंझुनूं पधारे उपमुख्यमंत्री डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा को 1994 के यमुना जल समझौते को लागू करते हुए झुंझुनूं में नहर लाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

एसएफआई के जिलाध्यक्ष अनीश धायल ने बताया कि आज गणतंत्र दिवस समारोह के उपलक्ष में उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा आज झुंझुनूं दौरे पर थे और नहर की मांग लगातार झुंझुनूं जिले के नौजवान किसान और विद्यार्थी उठा रहे है।

डीवाईएफआई के महिपाल पूनिया ने बताया कि 1994 में यमुना नहर लाने के लिए समझौता हुआ था परंतु झुंझुनूं की जनता को नहर नही मिल पाई और राजनीति की भेंट चढ़ गई।

डीवाईएफआई के जिला उपाध्यक्ष रामचंद्र टोडरवास ने बताया कि 1994 में समझौता हुआ था कि ताजेवाला हेड से शेखावाटी अंचल के झुंझुनूं,सीकर और चूरू जिले को 1917 क्यूसेक पानी मिलना तय हुआ था।परंतु हरियाणा और राजस्थान में अलग अलग राजनीतिक दलों की सरकार होने का हवाला देते हुए कांग्रेस और बीजेपी सरकार ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए 30 साल निकाल दिए।

डीवाईएफआई के जिला सचिव बिलाल कुरेशी ने बताया कि आज तक बीजेपी और कांग्रेस की सरकारें एक दूसरे पर तोहमत लगाते हुए इस फैसले को लागू नहीं करवा पाई है जो काफी शर्मनाक है।

डीवाईएफआई के जिला उपाध्यक्ष दीपक रणवां ने बताया कि हाल ही राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की सरकार बनी है।और संयोग ये हुआ है कि हरियाणा और केंद्र में भी भाजपा की सरकार ही है इसलिए जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए ये कर्तव्य बनता है कि यमुना नहर जल समझौते को जल्द से जल्द लागू किया जाए।

एसएफआई के राज्य उपाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने बताया कि शेखावाटी अंचल में पानी की गंभीर समस्या है।सिंचाई के अलावा पीने के पानी की भी गंभीर समस्या है।आने वाले समय में पानी की किल्लत न हो इसके लिए नहर का आना अति आवश्यक है।

एसएफआई के प्रदेश के संयुक्त सचिव सचिन चोपड़ा ने बताया कि किसानों और आमजन की भावनाओ को ध्यान में रखते हुए बीजेपी सरकार का ये नैतिक कर्तव्य बनता है कि हरियाणा सरकार से वार्ता कर इस समझौते की लागू करवाते हुए जल्द से जल्द नहर का पानी जिले को दे अन्यथा जिलेभर का युवा,नौजवान,किसान और विद्यार्थी लामबद्ध होकर उग्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

इस दौरान किसान सभा के फूलचंद बर्बर, सुमेर बुडानिया, डीवाईएफआई के जिला संयुक्त सचिव शाबीर भाटी, तहसील महासचिव साहिल कुरैशी, छात्रसंघ अध्यक्ष पंकज डूडी, अमित शेखावत, दीपक बागोरिया, हरिराम जांगिड़, रविंद्र कुमार, कमल मीणा समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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