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एक दशक बाद फिर से बनेगी राजस्थान में युवा नीति! होमगार्ड मंत्री खराड़ी-यूडीएच मंत्री खर्रा ने दिया भरोसा


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एक दशक बाद फिर से बनेगी राजस्थान में युवा नीति! होमगार्ड मंत्री खराड़ी-यूडीएच मंत्री खर्रा ने दिया भरोसा

प्रदेश में करीब एक दशक बाद जमाने के साथ और समय की मांग की अनुरूप युवा नीति बनने की आस जगी है.

झुंझुनूं : प्रदेश में करीब एक दशक बाद जमाने के साथ और समय की मांग की अनुरूप युवा नीति बनने की आस जगी है. दरअसल झुंझुनूं के डूंडलोद स्थित डूंडलोद पब्लिक स्कूल में राजस्थान युवा बोर्ड, युवा साथी संगठन तथा डूंडलोद शिक्षण संस्थान डूंडलोद के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 के समापन पर पहुंचे आदिवासी क्षेत्रीय विकास व गृह रक्षा मंत्री बाबूलाल खराड़ी तथा यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने इस बात को लेकर युवाओं को आश्वस्त किया है कि जो तीन दिन के यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 में बिंदू सामने आए है.

उन्हें शामिल करते हुए प्रदेश की नई युवा नीति बनाने के लिए वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे. इससे पहले दोनों ही मंत्रियों का डूंडलोद पब्लिक स्कूल पहुंचने पर यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 के संयोजक बीएल रणवां ने स्वागत किया. खराड़ी और खर्रा के साथ पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, भाजपा नेता विश्वंभर पूनियां, द्रोणाचार्य अवार्डी सागरमल धायल, भाजपा जिला उपाध्यक्ष इंजीनियर प्यारेलाल ढूकिया आदि ने स्कूल में लगाई गई राम जन्म से लेकर राजतिलक तक की प्रदर्शनी के अलावा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, जलियावाला बाग, देश के महापुरूषों की प्रदर्शनी देखी.

युवा साथी संगठन के अध्यक्ष व यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 के आयोजन सचिव मनु कम्बोज ने बताया कि तीन दिन तक चले कार्यक्रम में देशभर के दो दर्जन से अधिक विशिष्टजनों ने आकर युवाओं को अपना संबोधन दिया. साथ ही युवाओं से संवाद कर उनके मन को जाना. उनकी आवश्यकताओं को टटोला. उन्होंने बताया कि सभी संभागी युवाओं से युवा नीति को लेकर सुझाव लिए गए है. इसके अलावा करीब 100 से ज्यादा सुझाव ऑनलाइन भी प्राप्त हुए है. इन सभी सुझावों का ड्राफ्ट तैयार कर राजस्थान युवा बोर्ड के जरिए सरकार तक भिजवाया जाएगा. हम कोशिश कर रहे है कि सात से दस दिनों में ये ड्राफ्ट सरकार तक पहुंचा दे.

इसके बाद इस बात का भी लगातार फॉलोअप किया जाएगा कि प्रदेश सरकार युवा नीति जारी करे. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि एक निश्चित अंतराल के बाद युवा नीति में संशोधन होते रहे. उन्होंने बताया कि अंतिम युवा नीति 2013 में बनी थी. दस सालों में ड्राफ्ट तो कई बार तैयार हुए. लेकिन ना तो नई युवा नीति बनी और ना ही पुरानी नीति में कुछ संशोधन हुए. जो एक तरह से युवाओं के भविष्य के लिए सही नहीं कहा जा सकता.

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