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नीमकाथाना में संस्कृत शिक्षक संघ का राज्य स्तरीय सम्मेलन:शिक्षकों ने स्कूलों में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग, कहा-दूसरे जिले में तबादलों पर लगे रोक


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नीमकाथाना में संस्कृत शिक्षक संघ का राज्य स्तरीय सम्मेलन:शिक्षकों ने स्कूलों में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग, कहा-दूसरे जिले में तबादलों पर लगे रोक

नीमकाथाना में संस्कृत शिक्षक संघ का राज्य स्तरीय सम्मेलन:शिक्षकों ने स्कूलों में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग, कहा-दूसरे जिले में तबादलों पर लगे रोक

नीमकाथाना : राजस्थान संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संघ के तत्वावधान में राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन शुक्रवार को आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी दौलत राम गोयल ने की। सभी संभागियों ने संस्कृत शिक्षा के उत्थान प्रचार प्रसार एवं समस्याओं के बारे में मंथन किया और उनके निराकरण के लिए यथासंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम में शिक्षकों के हितों के मुद्दे भी उठाए गए। वहीं शिक्षकों ने स्कूलों में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग की और संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने सहित अनेक मांगों को लेकर बात कही।

विशिष्ट अतिथियों में अजमेर संभागीय शिक्षा अधिकारी मुरारीलाल राव, नीमकाथाना जिला शिक्षा अधिकारी नीमकाथाना राधेश्याम योगी, कौशल दत्त शर्मा प्रतिनिधि जयपुर संभाग एवं नोडल शिक्षा अधिकारी नीमकाथाना, कैलाश चंद्र चतुर्वेदी, रमेश चंद्र यादव यूसीईओ नीमकाथाना, मोहर सिंह की मंगावा एसीबीओ पाटन, अशोक तिवारी प्रदेश अध्यक्ष संस्कृत शिक्षक संघ राजस्थान, दयाल सिंह काजला प्रदेश महामंत्री, अनिल भारद्वाज संभागीय अध्यक्ष सीकर उपस्थित थे।

सम्मेलन में दूरस्थ जिले करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, नागौर, धौलपुर, भरतपुर, अलवर, जयपुर और अन्य दूसरे जिलों के संभागी मौजूद रहे। जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष नेमीचंद वर्मा, सभाध्यक्ष गोकुल राम जाट, जिला मंत्री सुशील कुमार सोनी, ब्लॉक अध्यक्ष लालचंद चेजारा, महेन्द्र पारीक ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।

यह उठे मुद्दे

संस्कृत शिक्षा के जिला नोडल अधिकारी कौशलदत्त शर्मा ने बताया कि सम्मेलन में कुल 36 मांगों पर चर्चा हुई। संस्कृत शिक्षकों की डीपीसी जल्द हो, 10 साल से डीपीसी नहीं हुई है। संस्कृत स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। फर्स्ट, सैकंड और थर्ड ग्रेड संस्कृत शिक्षकों की नियुक्तियां लंबे समय से नहीं हुई हैं। सभी संस्कृत प्रवेशिका स्कूलों को वरिष्ठ उपाध्याय में क्रमोन्नत किया जाए। हर जिले में संस्कृत शिक्षा विभाग का अलग से जिला शिक्षा अधिकारी पद सृजित किया जाए और उन्हें भरा जाए। संस्कृत शिक्षकों के तबादले दूसरे जिलों में कर दिए जाते हैं। उनके तबादले 12 महीने चलते रहते हैं और दूर दराज के जिलों में तबादले कर दिए जाते हैं, जबकि सामान्य विषयों के थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले उनके जिले से बाहर नहीं होते। यही नियम संस्कृत शिक्षकों के लिए भी लागू हो।

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