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राजस्थान के 3 गैंगस्टर्स का खालिस्तानी आतंकियों से कनेक्शन:अयोध्या में पकड़े गए; राम जन्म-भूमि की रेकी करने और नक्शा भेजने का मिला था टास्क


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राजस्थान के 3 गैंगस्टर्स का खालिस्तानी आतंकियों से कनेक्शन:अयोध्या में पकड़े गए; राम जन्म-भूमि की रेकी करने और नक्शा भेजने का मिला था टास्क

राजस्थान के 3 गैंगस्टर्स का खालिस्तानी आतंकियों से कनेक्शन:अयोध्या में पकड़े गए; राम जन्म-भूमि की रेकी करने और नक्शा भेजने का मिला था टास्क

झुंझुनूं : यूपी की एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने राजस्थान के 3 गैंगस्टर्स को अयोध्या से गिरफ्तार किया है। इनमें से एक गैंगस्टर ने खालिस्तानी समर्थकों से संपर्क में होने की बात कबूली है।

तीनों को अयोध्या में रामजन्म भूमि की रेकी करने और वहां का नक्शा उपलब्ध कराने का टास्क मिला था। खालिस्तानी समर्थक इन्हें राजू ठेहट की हत्या का बदला लेने के लिए उकसा रहे थे। आरोप है ये लोग कनाडा और अमेरिका में मौजूद खालिस्तानी समर्थकों से लगातार बातचीत करते थे।

दरअसल, झुंझुनूं के अजीत कुमार शर्मा, सीकर के शंकरलाल दुसाद और प्रदीप पूनिया को शुक्रवार दोपहर को संदिग्ध अवस्था में अयोध्या से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद झुंझुनूं पुलिस से एक आरोपी अजीत कुमार शर्मा के बारे में जानकारी मांगी गई। वहीं, अन्य दो आरोपियों को लेकर एटीएस के पास पहले से जानकारी थी।

झुंझुनूं के गैंगस्टर अजित शर्मा का घर, जहां देर रात पुलिस पहुंची और जानकारी जुटाई।
झुंझुनूं के गैंगस्टर अजित शर्मा का घर, जहां देर रात पुलिस पहुंची और जानकारी जुटाई।

अजीत के परिवार से पूछताछ जारी: SP

SP देवेंद्र विश्नोई ने बताया कि यूपी ATS ने झुंझुनूं के अजाड़ी खुर्द गांव निवासी अजीत शर्मा को पकड़ा है। अजीत के खिलाफ सदर थाने में मामला दर्ज है। इसके बारे में परिजनों से पूछताछ कर अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। यूपी ATS ने मुखबिर की सूचना पर यह कार्रवाई की।

इधर, जाजोद (सीकर) थानाधिकारी अशोक कुमार के अनुसार, अभी तक प्रदीप और शंकर के घर की तलाशी नहीं ली गई है, ना ही परिजनों से कोई पूछताछ की गई। जेल से बाहर आने के बाद शंकर ज्यादातर जयपुर ही रहता था। हालांकि, उसे पुलिस द्वारा चलाए गए कई अभियानों में पाबंद किया गया था। जबकि प्रदीप जयपुर में रहकर ही फाइनेंस का काम करता था।

खालिस्तानी नेटवर्क से जुड़ा होने का शक

इधर, यूपी एटीएस के अनुसार ये तीनों किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए ये अयोध्या के संवेदशील इलाकों में रेकी कर रहे थे। तीनों से पूछताछ की जा रही है। यूपी एटीएस के अनुसार 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा व मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम देखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।

इस दौरान सूचना मिली थी कि एक गैंगस्टर अपने कुछ साथियों के साथ सड़क मार्ग से अयोध्या आ रहा है। सूचना पर एटीएस की टीम ने हरियाणा नंबर की सफेद स्कॉर्पियो की तलाश ली और इन्हें पकड़ा।

मुखबिर की सूचना पर ATS ने तीनों को सफेद रंग की स्कॉर्पियो में रेकी करते पकड़ा था।
मुखबिर की सूचना पर ATS ने तीनों को सफेद रंग की स्कॉर्पियो में रेकी करते पकड़ा था।

जेल से खालिस्तानियों के संपर्क में आया शंकर

यूपी ATS की पूछताछ में सामने आया- 2016 से लेकर मई 2023 तक शंकरलाल दुसाद बीकानेर जेल में बंद था। इसके बाद वह जमानत पर बाहर आया। जेल में रहने के दौरान इसकी मुलाकात लखविंदर से हुई। उसने ही शंकरलाल को कहा कि जेल से बाहर जाने के बाद मेरे भांजे पम्मा से मुलाकात कर लेना। जेल से छूटने के बाद शंकर पम्मा से मिला। जिसने उसे कनाडा में रह रहे खालिस्तान समर्थक गैंगस्टर सुखबिंदर गिल का नंबर दिया। दोनों के बीच वॉट्सऐप कॉल के जरिए बातचीत होने लगी।

ATS की पूछताछ में शंकरलाल ने बताया कि बीकानेर जेल में रहने के दौरान उसकी मुलाकात खालिस्तानी समर्थक से हुई थी।
ATS की पूछताछ में शंकरलाल ने बताया कि बीकानेर जेल में रहने के दौरान उसकी मुलाकात खालिस्तानी समर्थक से हुई थी।

बदला लेने को उकसाते थे

पूछताछ में शंकर ने बताया कि सुखबिंदर कहता था कि तुम्हारी गैंग के लोगों को और खालिस्तान समर्थकों को लॉरेंस बिश्नोई और उसके लोगों ने मारा है। तुम बदला लेने में हम लोगों की मदद करो। लेकिन 2023 में कनाडा में सुखविंदर की हत्या हो गई।

ATS की पूछताछ में सामने आया कि इसके बाद शंकर की बातचीत खालिस्तान समर्थक हरमिंदर से होना शुरू हुई। उसने शंकर को कहा कि गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा है कि अयोध्या जाकर वहां का नक्शा भेजो और अगले ऑर्डर के लिए इंतजार करो। इसलिए शंकर और उसके दोनों साथी अपनी गाड़ी पर भगवान श्री राम के झंडे लगाकर अयोध्या घूम रहे थे।

ठेहट की गैंग ऑपरेट कर रहा था शंकरलाल

इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि शंकर लाल गैंगस्टर राजू ठेहट का करीबी रह चुका है। 2022 में राजू की मौत होने के बाद गैंग के ज्यादातर काम यही देखा था। जेल से छूटने के बाद इसने मेघालय में माइनिंग और राजस्थान में ट्रांसपोर्ट का काम भी शुरू किया। जेल से बाहर आने के बाद यह अपने गांव जाजोद और जयपुर में ज्यादा रहता था।

पूछताछ में शंकरलाल ने बताया है उसे खालिस्तानी समर्थकों से लगातार निर्देश मिलते रहते थे।
पूछताछ में शंकरलाल ने बताया है उसे खालिस्तानी समर्थकों से लगातार निर्देश मिलते रहते थे।

घटना में शामिल अन्य आरोपी प्रदीप पूनिया पुत्र राजेंद्र सिंह भी जाजोद थाना इलाके के ढालियावास गांव का रहने वाला है। वहीं, अजीत कुमार शर्मा झुंझुनू का। जेल से बाहर आने के बाद शंकर के साथ ज्यादातर अजीत और प्रदीप की रहते थे। ज्यादातर मामलों में गैंगस्टर शंकर की पैरवी करने वाले वकील रघुनाथराम सुला ने बताया कि आरोपी शंकर पर सात मामले दर्ज हैं। ज्यादातर मामलों में वह बरी हो चुका है। वर्तमान में उस पर बीकानेर में मर्डर के केस हैं।

बता दें कि इन तीनों के गिरफ्तार होने के बाद प्रतिबंधित संगठन सिक्ख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत ने एक ऑडियो भी जारी किया है। जिसमें तीनों को संगठन का सदस्य होना बताया है। फिलहाल इस पूरे मामले में जांच जारी है। एटीएस को शंकर के पास से दो फेक आईडी, धर्मवीर के नाम से फर्जी सिम कार्ड, फर्जी डॉक्यूमेंट की गाड़ी मिली है। जांच में सामने आया है कि उन्होंने अयोध्या में कई ऐसे एरिया में भी ट्रैवल किया जो संवेदनशील है।

यूपी ATS ने तीनों को रेकी करते पकड़ा और पूछताछ की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
यूपी ATS ने तीनों को रेकी करते पकड़ा और पूछताछ की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

इन मामलों में जा चुके हैं जेल

झुंझुनूं जिले के अजाड़ी खुर्द गांव के अजीत कुमार शर्मा के खिलाफ वर्ष 2022 में अपहरण व मारपीट का मामला दर्ज है। इसी तरह से दुसाद के खिलाफ सात मामले हैं। 2014 में बीकानेर सेंट्रल जेल में बलवीर बानूड़ा की हत्या की साजिश करने का मामला दर्ज है।

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