812वें उर्स में कांग्रेस अध्यक्ष की चादर पेश:संदेश में लिखा- ‘जात- मजहब के नाम पर जहर घोला जा रहा, दुआ करें दुश्मनों की साजिश नाकाम हो’
812वें उर्स में कांग्रेस अध्यक्ष की चादर पेश:संदेश में लिखा- 'जात- मजहब के नाम पर जहर घोला जा रहा, दुआ करें दुश्मनों की साजिश नाकाम हो'

अजमेर : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से मंगलवार को ख्वाजा साहब के 812वें उर्स में चादर पेश की गई। खड़गे की चादर लेकर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी अजमेर दरगाह पहुंचे। चादर पेश कर देश-प्रदेश में अमन-चैन को लेकर दुआ की गई। चादर पेश करने के बाद खड़गे का बुलंद दरवाजे पर संदेश पढ़ा गया।
खड़गे की चादर लेकर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी के साथ चादर लेकर अजमेर दरगाह पहुंचे। जहां उनका स्वागत किया गया। स्वागत के बाद प्रतापगढ़ी की ओर से चादर दरगाह में पेश की गई।

बुलंद दरवाजे पर पढ़ा गया संदेश
खड़गे ने अपने संदेश में कहा- मैं ख़्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी के 812 वें उर्स मुबारक के मौके पर अपनी और पूरी कांग्रेस पार्टी की तरफ से ख़्वाजा की बारगाह में चादर रवाना करते हुए खुद को बेहद खुश किस्मत पा रहा हूं।
ख्याल रहे कि पुरख़ुलूस जज्बात और अकीदत के साथ सुल्तान उल हिंद के आस्ताना मुबारक पर चादर चढ़ाई जाती है। चादर चढ़ाने का यह हसीन मौक़ा हमारे वतन की गंगा-जमुनी तहजीब, कौमी एकता, आपसी भाईचारा, प्यार व मोहब्बत, अदब और रवादारी की अलामत है। इस से पूरी दुनिया को यह पैगाम जाता है कि हिंदुस्तान में क़ौमी इत्तेहाद और भाईचारा की जड़ें गहरी हैं। यह रिवायत हमारे मुल्क का कीमती सरमाया है, जिसकी हिफाजत करना हम सबका फरीजा है।
यकीनन मुल्क आज एक मुश्किल दौर से गुज़र रहा है। मुल्क में नफ़रत कि हम लोग एक दूसरे स्थान प्राप्त की आंधी चलाई जा रही है, समाज और दिलों को बांटने की साजिश की जा रही हैं, जात और मजहब के नाम पर समाज में जहर घोला जा रहा है जो मुल्क की अमन और सलामती के लिए खतरनाक है।
आइए! हम सब ख़्वाजा की बारगाह में दुआ करें कि मुल्क के अंदर अमन, शांति, प्यार व मोहब्बत, जम्हूरियत और सदियों पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब हमेशा बरक़रार रहे और पुरे ख़ुलूस के साथ भारत यूंही जुड़ा रहे। हम दुआ करें कि अमन के दुश्मनों की तमाम साजिश नाकाम हों। मुझे पूरा भरोसा है कि दुआ के लिए उठे हुए हाथ खुदा की जात से कुबूलियत जरूर हासिल करेंगे।