Ayodhya Ram Mandir : 500 साल पहले ली थी पगड़ी नहीं पहनने की शपथ, अब अयोध्या में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के साथ टूटेगा रिवाज
Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या के आसपास बसे सूर्यवंशी राजपूतों के 115 गांवों में 500 साल बाद पगड़ी धारण की जाएगी। उनके सम्मान में पूरे देश से राजपूत समाज की ओर से पगड़ियां भेजी जा रही है। इसी क्रम में सोमवार को खेतड़ी में कार्यक्रम हुआ।
Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या के आसपास बसे सूर्यवंशी राजपूतों के 115 गांवों में 500 साल बाद पगड़ी धारण की जाएगी। उनके सम्मान में पूरे देश से राजपूत समाज की ओर से पगड़ियां भेजी जा रही है। इसी क्रम में सोमवार को खेतड़ी में कार्यक्रम हुआ। विधिवत पूजा-अर्चना के बाद यहां पगड़ी रवाना की गई। राजपूत समाज खेतड़ी के सुरेंद्र सिंह फौजी, उम्मेद सिंह निर्वाण, महिपाल सिंह गाडराटा व कैप्टन सुमेर सिंह ने बताया कि पांच सौ वर्ष पूर्व वहां के राजा ठाकुर गजराज सिंह ने सूर्य कुंड पर इन गांवों के लगभग 9 हजार राजपूत छत्रपों को एकत्र कर शपथ ली थी कि जब तक रामलाल के मंदिर को मुगलों से मुक्त नहीं करवाएंगे, तब तक राजपूती शान की पगड़ी धारण नहीं करेंगे, चमड़े के जूते नहीं पहनेंगे और छत्र भी धारण नहीं करेंगे।
साथ ही बेटी की शादी में मंडप नहीं लगाएंगे। उन्होंने मुगल सेना से युद्ध भी किया। इस युद्ध में कई सैनिक शहीद हो गए थे। तब से लेकर आज तक राजा गजराज सिंह की नवीं पीढ़ी भी उस शपथ को निभा रही है। अब अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पश्चात इन 115 गांवो के सूर्यवंशी राजपूत परिवार अपने पूर्वज गजराज सिंह द्वारा ली गई शपथ पूर्ण होने के पश्चात पगड़ी धारण करेंगे।
राजपूत समाज खेतड़ी के तत्वावधान में सोमवार को हरडिया हाउस में अयोध्या के सूर्यवंशी राजपूतों के लिए 22 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा होने पर उनके पूर्वजों द्वारा 5 सौ वर्ष पूर्व ली गई सौगंध को तोड़ने के लिए राजस्थान की आन बान शान की प्रतीक राजपूती पगड़ी समारोह पूर्व भेजी गई। इस मौके पर पंडित गोपाल शर्मा ने विधिवत पगड़ी की पूजन करवाई। इस मौके पर राजपूत करणी सेना के झूंझुनूं जिला संयोजक सुरेंद्र सिंह फौजी, जिला परिषद सदस्य उम्मेद सिंह निर्वाण, महीपाल सिंह गाडराटा, कैप्टन सुमेर सिंह ,वीर सिंह निर्वाण, सोनू सिंह बंधा की ढाणी, ओमपाल सिंह गाडराटा, राजेंद्र सिंह हरडिया, सूबेदार मदन सिं, वीर सिंह निर्वाण, अभिमन्यु सिंह तोमर, विशाल सिंह शेखावत, प्रवीण सिंह शेखावत, पवन सिंह, सरजीत सिंह बडाऊ ,अनिल सिंह राठौड़ ,बिरजू सिंह, टिंकू सिंह, ईश्वर सिंह नरूका, सुभाष सिंह सहित अलग-अलग गांव से आए राजपूत समाज के दर्जनों में लोग मौजूद थे।