पबजी गेम खेलकर दोस्त बने, फिर शुरू की ठगी:इंटरनेशनल बैंक, ओटीटी प्लेटफॉर्म व आधार जैसी वेबसाइट का सर्वर हैक कर डेटा चुराया
पबजी गेम खेलकर दोस्त बने, फिर शुरू की ठगी:इंटरनेशनल बैंक, ओटीटी प्लेटफॉर्म व आधार जैसी वेबसाइट का सर्वर हैक कर डेटा चुराया

जयपुर : सर्वर हैक करके विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाली बदमाश कंपनी.कॉम के आरोपियों से रिमांड के दौरान पूछताछ में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पबजी गेम खेलने के कारण करीब 4 साल पहले सभी एक-दूसरे के दोस्त बन गए। उसके बाद सभी ने मिलकर ठगी की योजना बनाई। उसके बाद यू-ट्यूब पर वीडियो देखे। फिर सभी ने जयपुर में सायबर ठगी का हब चालू कर दिया। जामताड़ा, बिहार व तेलंगाना के सायबर ठगों से ट्रेनिंग ली। डार्कवेब के जरिए इंटरनेशनल बैंक, ओटीटी प्लेटफॉर्म व आधार जैसे वेबसाइट का सर्वर हैक कर डेटा चुरा लिया।
बदमाशों ने डेटा स्टोर करने के लिए खुद के कम्प्यूटर को हाइटेक मॉडीफाइड करवा रखा था। उसके बाद विदेशी नागरिकों के क्रेडिट व डेबिट कार्ड अकाउंट से ऑनलाइन क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर लेते थे। ठगी के पैसे मंगवाने के लिए बदमाशों ने कई बार हवाला का भी सहारा लेने की बात सामने आई हैं, जिसकी तस्दीक की जा रही है। ठगी के पैसे मिलने के बाद बदमाश फ्लाइट से गोवा सहित अन्य शहरों में घूमने गए थे।

मास्टरमाइंड 12वीं फेल पटना निवासी अभिषेक
डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा डूडी ने बताया कि मास्टरमांड अभिषेक ने 5 साल पहले सायबर ठगी के प्रयास शुरू किए थे। पबजी गेम खेलने के दौरान सायबर नेटवर्क के जरिए गौतम से दोस्ती की और घर बुलाया, जहां पर सायबर ठगों से ट्रेनिंग ली। ठगी की शुरुआत करते ही कुछ समय बाद तेलंगाना व गुजरात पुलिस ने ठगी के मामलों में बैंक खाते फ्रीज करवा दिए थे। उसके बाद दूसरे लोगों के बैंक खाते लिए और जयपुर आकर किराए के मकान में सायबर ठगी हब चालू कर दिया।

दूसरा मास्टरमाइंड 12वीं फेल गौतम बाबानी
12वीं फेल गौतम बाबानी तकनीक के बारे में एक्सपर्ट बना हुआ था। इसी ने अलग-अलग तकनीक के सॉफ्टवेयर लगाकर हाईटेक कम्प्यूटर तैयार किया। महत्वपूर्ण डेटा क्रेक करने के लिए सीपीयू की जरूरत पड़ती है। तेलंगाना, गुजरात, यूपी सहित अन्य जगह पर ठगी करने के बाद जयपुर आ गए। यहां अभिषेक का खुद मकान होने के बावजूद किराए के मकान में रहते थे। बैंक खाते फ्रीज होने के कारण गौतम ने अपनी मौसी के लड़के राहुल व रोहित को मोटा कमीशन का लालच देकर जयपुर बुला लिया और साथ मिला लिया, जिन्हें ट्रांजेक्शन के आधार पर कमीशन देते थे।

12वीं पास रोहित कुमार सिंधी व राहुल सिंधी
रोहित कुमार सिंधी व राहुल सिंधी दोनों भाई हैं और गौतम के मौसी के बेटे हैं। कम समय में अच्छे पैसे कमाने के लालच में आकर ठगों के साथ जुड़ गए और खुद के बैंक खाते और दूसरे लोगों के बैंक खाते ठगों को उपलब्ध करवाते थे। दोनों के ट्रांजेक्शन के आधार पर तय कमीशन मिलता था।
इधर, जांच में सामने आया कि ठगी के पैसों से फ्लाइट्स में घुमना, सभी बदमाश फ्लाइट्स से कई बार गोवा, दिल्ली, मुम्बई सहित बड़े-बड़े शहरों में घूमते थे। क्योंकि कई बार ठगी के पैसे से सीधे ही फ्लाइट की टिकट बुक और होटल बुक करवा लेते थे।
हाईटेक कम्प्यूटर के जरिए बदमाश अपनी लोकेशन भी हाइड रखते थे
थानाधिकारी दिलीप खदाव ने बताया कि बदमाशों के कम्प्यूटर हाईटेक होने और भारी क्षमता में डेटा होने के कारण जांच में डेटा फिल्टर करने के लिए कमिश्नरेट व प्राइवेट सायबर एक्सपर्ट की मद्द ली जा रही है। जल्द ही डेटा का एनालिसिस करके आगे की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ट्रांजेक्शन डिटेल का भी एनालिसिस किया जा रहा है। सायबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी का कहना है कि डार्कवेब पर बदमाशों को हैक किया हुआ डेटा मिल जाता है। हाईटेक कम्प्यूटर के जरिए बदमाश अपनी लोकेशन भी हाइड रखते थे।