Bilkis Bano Case: ‘बिलकिस ने अपने दम पर लड़ी लड़ाई’, SC के फैसले पर जानिए किसने क्या कहा
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर साझा किए एक पोस्ट में लिखा कि 'अंततः न्याय की जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार बिलकिस बानो के आरोपियों की रिहाई रद्द कर दी है।'

Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिए अपने फैसले में गुजरात सरकार के फैसले को पलटते हुए 11 दोषियों की रिहाई रद्द कर दी। जिसके बाद दोषियों को फिर से जेल जाना होगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। सीपीआई(एम) नेता बृंदा करात ने फैसले पर राहत जताते हुए कहा कि कम से कम, अभी कुछ न्याय की उम्मीद बची हुई है। वहीं प्रियंका गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा।
प्रियंका गांधी ने बिलकिस बानो को दी बधाई
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर साझा किए एक पोस्ट में लिखा कि ‘अंततः न्याय की जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार बिलकिस बानो के आरोपियों की रिहाई रद्द कर दी है। इस आदेश से भारतीय जनता पार्टी की महिला विरोधी नीतियों पर पड़ा पर्दा हट गया है। इस आदेश के बाद जनता का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास मजबूत होगा। बहादुरी के साथ अपनी लड़ाई को जारी रखने के लिए बिलकिस बानो को बधाई।’
ओवैसी बोले- बिलकिस बानो ने अपने दम पर लड़ी लड़ाई
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि ‘बिलकिस बानो ने अपने दम पर न्याय की लड़ाई लड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा गुजरात सरकार ने दोषियों के साथ मिलकर काम किया। भाजपा सरकार दुष्कर्मियों की मदद कर रही थी। भाजपा के दो विधायकों ने तो इन दुष्कर्मियों का समर्थन किया था।’
ओवैसी ने कहा ‘पहले दिन से हम कह रहे हैं कि भाजपा पीड़ित का साथ देने के बजाय हमेशा उन लोगों के साथ खड़ी रही, जिन्होंने जघन्य अपराध किया। यह बिलकिस बानो है, जिसने बहादुरी से यह लड़ाई लड़ी और इसके लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। वहीं गुजरात सरकार उसे सुरक्षा नहीं दे सकी और उसके साथ दुष्कर्म करने वाले और उसके बच्चे की हत्या करने वाले दोषियों को रिहा करने का आदेश दे दिया। सभी दुष्कर्मियों को कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए फिर चाहे वो किसी भी राजनीतिक पार्टी या विचारधारा से संबंधित हों और उन्हें कोई रिहाई नहीं दी जानी चाहिए।’
#WATCH | Hyderabad, Telangana: On Bilkis Bano case, AIMIM president Asaduddin Owaisi says, "Bilkis Bano fought her battle on her own for justice…The Supreme Court today said that the state of Gujarat acted in complicit with the convicts. The BJP government was helping rapists… pic.twitter.com/8SefiD96KN
— ANI (@ANI) January 8, 2024
वामपंथी पार्टी सीपीआई (एम) की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। कम से कम यह फैसला न्याय की कुछ उम्मीद जगाता है। खासकर, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और गुजरात सरकार की क्षमताओं पर जो टिप्पणी की। यह गुजरात सरकार ही थी, जिसने दस्तावेज स्वीकार किए थे। कोर्ट ने इसे फर्जी माना है।’ बृंदा करात ने याचिकाकर्ता की ईमानदारी पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और गुजरात सरकार का भी उसे समर्थन प्राप्त था। गृह मंत्रालय पर निशाना साधते हुए वामपंथी नेता ने कहा कि ‘यह गृह मंत्रालय ही था, जिसने याचिका को प्रोत्साहित किया, जिससे दोषियों की रिहाई हुई। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत होना चाहिए।’
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने गुजरात की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा की सोच अपराधियों को बचाने वाली थी ना कि पीड़िता को न्याय दिलाने की। गुजरात कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह पहली घटना नहीं है, जहां दोषियों को बचाने की कोशिश की गई बल्कि पहले भी सरकार ने पीड़ितों की रक्षा करने के बजाय अपराधियों को बचाया है। यह समाज के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार कानून के मुताबिक चले। सरकार पीड़िता को इस जघन्य अपराध के मामले में न्याय दिलाने में नाकाम रही है। मानवाधिकार कार्यकर्ता वकील आनंद याग्निक ने कहा कि गुजरात सरकार का फैसला कानूनी तौर पर सही नहीं था बल्कि सरकार ने सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक दबाव में यह फैसला किया था।