झुंझुनूं : प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट के रोगी सामने आने के बाद जिले में व्यवस्थाओं के नाम पर सजगता का ढोल तो बजाया जा रहा हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है। झुंझुनूं में 3 ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़े हैं। मरीजों को राहत के लिए तीन साल पहले ऑक्सीजन प्लांट की घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक यह मूर्त रूप नहीं ले पाया।
नगरपालिका, चिकित्सा विभाग एवं कार्यकारी एजेंसी में समन्वय के अभाव में करीब 92 लाख 32 हजार की लागत का प्लांट शुरू नहीं हुआ। ऐसे में मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 में कोरोना काल में मरीजों को राहत देने के मकसद से नगर पालिका की ओर से झुंझुनू के बिसाऊ कस्बे में राजकीय जटिया अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने की घोषणा की थी।
50 ऑक्सीजन सिलेंडर का यह प्लांट 2021 तक स्थापित होने के बाद शुरू ही नहीं हो पाया है। इसके पीछे तकनीकी कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन समाधान तीन वर्ष बाद भी विभाग व नगरपालिका नहीं करा पाए हैं। अगर कोरोना संक्रमण दोबारा बड़े पैमाने पर फैला तो हालात परेशानी खड़े कर सकते हैं।
झुंझुनूं, नवलगढ में एक-एक प्लांट बंद
झुंझुनूं के राजकीय बीडीके अस्पताल व नवलगढ़ के राजकीय अस्पताल में एनुअल टेंडर नहीं होने से एक- एक प्लांट लगभग 6 महीने से बंद हैं। सीएमएचओ राजकुमार डांगी ने बताया कि जिले में 15 ऑक्सीजन प्लांट हैं, इनमें से 12 चालू हैं, झुंझुनूं और नवलगढ़ प्लांट के ऐनुअल टेंडर नहीं होने से इनका काम अटका हुआ है। जल्दी ही शुरू कर देंगे। बिसाऊ में स्थापित प्लांट नगरपालिका द्वारा बनाया गया था। जिस कंपनी को टेंडर दिया तो उसने काम सही नहीं किया, ऐसे में प्लांट शुरू नहीं हो पाया।
सैंपलिंग भी की शुरू
चिकित्सालय में कोविड की सैंपलिंग भी शुरू कर दी गई है। यहां प्रतिदिन दस से 15 लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। अभी तक एक भी मरीज नए वैरिएंट का सामने नहीं आया है। अब तक दौ सौ के करीब सैंपल ले चुके हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजकुमार डांगी ने बताया कि समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को समस्त चिकित्सा संस्थान पर पर्याप्त मात्रा में दवाइयों सहित आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश दिए हैं।