जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव कांग्रेस को करारी हार के बाद तगड़ा झटका है। राजस्थान विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हार पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। जयपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों के साथ बातचीत में उनका बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ‘मुझे हारने का दुख नहीं है, मुझे देश की चिंता है।’ बता दें सीएम गहलोत ने श्री करणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी की नामांकन सभा में जाने से पहले ये बयान दिया है।
विपक्ष के सांसदों को सस्पेंड करने के बाद आया बयान:
दरअसल, संसद में विपक्ष के सांसदों को सस्पेंड किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब पहले 2014 से 2019 देश में एनडीए की सरकार बनी बनी लगातार, तब से उनका घमंड का रवैया बढ़ता ही जा रहा है। विपक्ष के साथ उनका व्यवहार स्वीकार नहीं है। राजनीति में दुश्मनी का खेल नहीं होता है। विचारधारा की लड़ाई होती है। जनता के लिए क्या प्रोग्राम देना चाहते हैं पक्ष विपक्ष की लड़ाई होनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि अरुण जेटली और सुषमा स्वराज जब धरना दे रहे थे तब सदन 12-12 दिन तक नहीं चला। ऐसे हल निकल नहीं जाता है। मीटिंग होती, समझाइए होती है। कोई ना कोई समाधान सदन को चलाने के लिए निकलने वाला होता है। यही देखा है अब तक। एक साथ 90 सांसदों को निकालना आज देश ही नहीं दुनिया में लोग भी हंस रहे हैं। दुनिया भर की नजर हिंदुस्तान पर लगी है। आप विश्व गुरु बन रहे हो, उसका पोस्टमार्टम दुनिया भर में होता है। उस पर देश दुनिया के लोग सोचते हैं। देश में अब घमंड और अहम में सरकार चल रही है।
मुझे इस देश की चिंता है – अशोक गहलोत:
वहीं, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ये भी कहा कि, ‘मुझे हारने का जितना दुख नहीं है उतना मुझे इस देश की चिंता है कि देश में क्या हो रहा है। हार-जीत तो होती है, मैंने राजस्थान में अपना फर्ज़ पूरा किया। देश में जो हो रहा है उसपर लोगों को चिंतित होना चाहिए।’ आपको बता दें अशोक गहलोत के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह के मायने निकाले जाने लगे हैं। लोगों का कहना है कि पूर्व सीएम गहलोत अब राजस्थान की राजनीति के बजाय केन्द्र की राजनीति में सक्रिय रहेंग। अब ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा की अशोक गहलोत का आगे का कदम क्या होता है।
ये है पूरा मामला:
गौरतलब है कि विपक्षी सांसद संसद सुरक्षा चूक मामले पर सदन में पीएम मोदी की मौजूदगी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं। साथ ही विपक्षी सांसद इस मामले पर सदन में चर्चा और आरोपियों के लिए पास की सुविधा प्रदान करने वाले बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, सत्तापक्ष का कहना है कि विपक्ष संसद की कार्यवाही रोक समय बर्बाद कर रहा। संसद की कार्यवाई में बाधा उत्पन्न करने वाले सांसदों के खिलाफ स्पीकर ने निलंबन का कदम उठाया है। यह पहली बार है जब दो दिन के भीतर 141 सांसदों को सस्पेंड किया गया है।