श्रीकरणपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह ने नामांकन किया:गुरमीत कुन्नर के बेटे को टिकट देकर पार्टी ने चला सहानुभूति कार्ड; नए सीएम की पहली परीक्षा
श्रीकरणपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह ने नामांकन किया:गुरमीत कुन्नर के बेटे को टिकट देकर पार्टी ने चला सहानुभूति कार्ड; नए सीएम की पहली परीक्षा
श्रीगंगानगर : कांग्रेस ने श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर गुरुवार को प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने यहां से दिवंगत विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे रुपिंदर सिंह कुन्नर को टिकट दिया है। रुपिंदर ने आज नामांकन भी दाखिल कर दिया है। गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे को टिकट देकर कांग्रेस ने सहानुभूति कार्ड खेला है। इस सीट पर बीजेपी से पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी उम्मीदवार हैं।।
दरअसल, 19 नवंबर को कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण इस सीट पर चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। 25 नवंबर को राजस्थान विधानसभा की 200 में से 199 सीटों पर ही चुनाव हुए थे। अब श्रीकरणपुर सीट पर 5 जनवरी को वोटिंग होगी।
19 दिसंबर नामांकन की आखिरी तारीख है। 20 दिसंबर को नामांकन की जांच होगी। 22 दिसंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 8 जनवरी को मतगणना होगी। कांग्रेस के अलावा बीजेपी समेत अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने पहले से नामांकन किया हुआ है।
सहानुभूति कार्ड कामयाब रहा है, इसलिए बेटे को टिकट
श्रीकरणपुर सीट पर गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे को टिकट देना तय माना जा रहा था। कांग्रेस ने सरकार में रहते हुए उप चुनावों में नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट दिए थे। इसका उप चुनावों में फायदा भी मिला था। पिछली बार जिन विधायकों का निधन हुआ, उनके बेटे या पत्नी को टिकट दिया था। उनमें से ज्यादातर जीत दर्ज करने में सफल रहे।
सुजानगढ़ में मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन के बाद उनके बेटे मनोज कुमार, वल्लभनगर से गजेंद्र शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत, सहाड़ा से कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री त्रिवेदी और सरदारशहर से भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को टिकट दिया था। सभी जीतकर विधायक बने। इससे पहले जितने भी उप चुनावों में नेताओं के परिवार से टिकट दिए, वे हार गए थे।
नए सीएम भजनलाल के लिए श्रीकरणपुर सीट पहली परीक्षा
नए सीएम भजनलाल शर्मा के लिए श्रीकरणपुर सीट पहली सियासी परीक्षा होगी। इस चुनाव के नतीजे से सरकार या विपक्ष की सेहत पर असर नहीं होगा। अगर बीजेपी सीट जीतती है तो भजनलाल इसे अपनी जीत के तौर पर पेश करेंगे। अगर कांग्रेस जीतती है तो वह सरकार के बनते ही उसके खिलाफ इसे जनता के माहौल के तौर पर प्रचारित करेगी।