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पांच साल से पेट दर्द से परेशान थी महिला:खाना ढंग से खा नहीं पा रही थी, एसएमएस में रोबोट के जरिए पहली बार हुई ऐसी सर्जरी


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पांच साल से पेट दर्द से परेशान थी महिला:खाना ढंग से खा नहीं पा रही थी, एसएमएस में रोबोट के जरिए पहली बार हुई ऐसी सर्जरी

पांच साल से पेट दर्द से परेशान थी महिला:खाना ढंग से खा नहीं पा रही थी, एसएमएस में रोबोट के जरिए पहली बार हुई ऐसी सर्जरी

जयपुर : जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (एसएमएस) में रोबोट के जरिए तिल्ली निकालने का पहली बार ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में एक सेमी. का चीरा लगाया गया। इसमें से 20 सेमी. की तिल्ली बाहर निकाली गई। हॉस्पिटल के डॉक्टरों का दावा है कि इस तरह का तिल्ली का जटिल ऑपरेशन पहली बार रोबोट के जरिए किया गया।

एसएमएस हॉस्पिटल में जनरल सर्जरी डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. जीवन कांकरिया ने बताया- डीडवाना नागौर के रहने वाली 45 साल की महिला पिछले करीब पांच साल से पेट में दर्द से परेशान थी। महिला का दर्द धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा था। शिकायत इस तरह बढ़ गई कि कोई भी तरल पदार्थ लेने से भी पेट में दर्द शुरू हो जाता था। उल्टी होने, सांस में तकलीफ होने और खाना ढंग से खा नहीं पाने के कारण महिला का वजन भी लगातार गिरने लगा था।

खून का थक्का चले जाने से बढ़ी परेशानी
डॉक्टर कांकरिया ने बताया- महिला ने जब पिछले दिनों एसएमएस हॉस्पिटल में ओपीडी में दिखाया तो उसकी जांच करवाई। जांचों में पता चला कि कोई खून का थक्का भोजन नली की सभी नसों में चला गया। इससे भोजन नली ने काम करना बंद कर दिया। साथ ही तिल्ली की खून की सप्लाई पूर्ण रूप से बंद हो गई। इससे तिल्ली ने अपना काम करना बंद कर दिया। उससे इंफेक्शन बढ़ गया। सभी जांचों को देखने को कंसल्ट करने के बाद उसे ऑपरेट करने का निर्णय किया।

महिला का ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर्स की टीम।
महिला का ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर्स की टीम।

तीन घंटे लगे सर्जरी में
डॉक्टर ने बताया- पैनक्रियाज में लगातार इंफेक्शन के कारण भोजन नली की सभी नसों के साथ तिल्ली की खून की सप्लाई भी बंद हो गई। तिल्ली की साइज पहले से दोगुनी हो गई थी। इसे देखते हुए मरीज का रोबोटिक सर्जरी से तिल्ली निकालने का निर्णय लिया। क्योंकि रोबोटिक सर्जरी तिल्ली निकालकर पैनक्रियाज को पूर्ण रूप से सुरक्षित रखा जा सकता था।

ऑपरेशन के दौरान करीब 3 घंटे का समय लगा, लेकिन अच्छी बात ये रही कि ऑपरेशन के दौरान मरीज का ब्लड लॉस बहुत कम हुआ। ऑपरेशन के करीब छह घंटे बाद ही मरीज को खाना पीना और घूमना शुरू कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि अब महिला पूरी तरह ठीक है और उसको दर्द से भी निजात मिल गई है।

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