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पायलट बोले- सरकार रिपीट क्यों नहीं कर पाए, मंथन हो:CM के OSD के बयान पर ध्यान दे पार्टी, वह आश्चर्यजनक और चिंताजनक है


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पायलट बोले- सरकार रिपीट क्यों नहीं कर पाए, मंथन हो:CM के OSD के बयान पर ध्यान दे पार्टी, वह आश्चर्यजनक और चिंताजनक है

पायलट बोले- सरकार रिपीट क्यों नहीं कर पाए, मंथन हो:CM के OSD के बयान पर ध्यान दे पार्टी, वह आश्चर्यजनक और चिंताजनक है

जयपुर/टोंक : कांग्रेस की हार के बाद पार्टी में फिर गुटबाजी तेज होने के आसार बन गए हैं। सचिन पायलट ने कांग्रेस की हार पर मंथन की मांग करते हुए रिवाज नहीं बदल पाने पर सवाल उठाए हैं। सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा के बयान पर सचिन पायलट ने कहा- मैंने मुख्यमंत्री के सलाहकार का बयान देखा है। उन्होंने जो स्टेटमेंट दिया है, वह आश्चर्यजनक है। वो इसलिए कि बयान मुख्यमंत्री के ओएसडी का है। चिंता का विषय भी है। पूरी उम्मीद है कि पार्टी कहीं न कहीं इस पर ध्यान देगी कि यह क्यों कहा गया? क्या सच है, क्या झूठ है?

पायलट ने कहा- हम लोग चाहते थे कि सरकार दोबारा बने। इसके लिए हम सब लोगों ने जितना हो सके पूरी ताकत लगाकर काम किया फिर भी हम कामयाब नहीं हो सके। इसके कारणों को तलाशना होगा।

आत्मचिंतन करना होगा
सचिन पायलट ने कहा- विधानसभा चुनावों के जो परिणाम आए हैं, उसमें हमारी सरकार नहीं बन पाई। जिस परंपरा को तोड़ने के लिए हमने बहुत मेहनत की, हरसंभव कोशिश करने के बावजूद हम कामयाब नहीं हो सके। निश्चित रूप से यह चिंता का विषय है। हर बार हम सरकार बनाने के बाद उसे रिपीट नहीं कर पाते हैं। इस बार दोबारा वही हुआ। इस बात का हम सबको खेद है। इस पर हमें आत्मचिंतन करना पड़ेगा।

चारों राज्यों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बीजेपी से ज्यादा है
पायलट ने कहा- कार्यकर्ताओं ने पूरी मेहनत की। अच्छा चुनाव लड़ा। मंगलवार को विधायक दल की बैठक है। उसमें आगे पार्टी की क्या रणनीति होगी? हम सब चाहते थे कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बने। इन तीनों में कांग्रेस पार्टी जीत कर आती तो हम लोगों को बहुत मजबूती मिलती। हार के बावजूद तीनों राज्यों के आंकड़े देखेंगे तो हमारा वोट प्रतिशत बीजेपी से ज्यादा है।

बीजेपी को जनता से किए वादे पूरे करने को मजबूर करेंगे
पायलट ने कहा- राजस्थान में सरकार रिपीट करना हम सब का उद्देश्य था लेकिन इसके बारे में बहुत ईमानदारी से आत्म विश्लेषण करना चाहिए और करना पड़ेगा कि कहां कमियां रह गई, क्योंकि आने वाले समय में लोकसभा का चुनाव है, वह बड़ी चुनौती हमारे सामने है । इस पूरे प्रचार अभियान में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, खड़गे साहब सबने पूरी ताकत से काम भी किया, प्रचार किया फिर भी हम सरकार नहीं बना पाए। हम एक मजबूत विपक्ष बनकर काम करेंगे और आने वाली सरकार ने जो वादे किए हैं उनको पूरा करने के लिए मजबूर करेंगे,जनता की आवाज बना काम करेंगे।

हमें वापस जनता के बीच जाना पड़ेगा
पायलट ने कहा- हमें वापस जनता के बीच जाना पड़ेगा। जनता की कसौटी पर खरा उतरने के लिए हम लोगों को क्या रणनीति बनानी है, कैसे जनता तक संदेश पहुंचाना है, कार्यकर्ताओं में किस प्रकार ऊर्जा का संचार दोबारा करेंगे इस पर कदम उठाने होंगे। समय बहुत कम है। इसलिए बहुत जल्द हमें चर्चा करनी पड़ेगी। मुझे जो कुछ भी ​कहना है पार्टी प्लेटफार्म पर बताएंगे।

पार्टी में नए चेहरों को जिम्मेदारी नहीं मिलने की वजह से हारने के सवाल पर पायलट ने कहा- मैंने जो कहा था पार्टी प्लेटफार्म पर कहा था। आगे भी पार्टी प्लेटफार्म पर बोलूंगा। आज हमारी जिम्मेदारी यह है कि जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। जनता जनार्दन का निर्णय अंतिम होता है। हमें उसका सम्मान करना चाहिए। हम लोगों को जनता ने विपक्ष में बैठने की जिम्मेदार दी है। हमने पहले भी इसे बखूबी निभाया। आगे भी निभाएंगे। लोकसभा चुनाव दूर नहीं है। इसलिए जो भी हमने पार्टी के प्लेटफार्म पर कहना है वह कहेंगे।

गहलोत के ओएसडी ने कहा था- CM ने हाईकमान से धोखा किया
सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने कांग्रेस की हार के लिए गहलोत को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर तल्ख कमेंट किए थे। लोकेश शर्मा ने 25 सितंबर की घटना के लिए भी गहलोत को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर हाईकमान को धोखा देने तक का आरोप लगाया। लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा- मैं नतीजों से आहत जरूर हूं, लेकिन अचंभित नहीं हूं। कांग्रेस पार्टी राजस्थान में निसंदेह रिवाज बदल सकती थी, लेकिन अशोक गहलोत कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे। यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी की हार है। गहलोत के चेहरे पर, उनको फ्री हैंड देकर, उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा। उनके मुताबिक हर सीट पर वे खुद चुनाव लड़ रहे थे। लोकेश शर्मा ने लिखा- न उनका अनुभव चला, न जादू और हर बार की तरह कांग्रेस को उनकी योजनाओं के सहारे जीत नहीं मिली। न ही अथाह पिंक प्रचार (योजनाओं से जुड़े होर्डिंग पिंक कलर में लगे थे) काम आया। तीसरी बार लगातार सीएम रहते हुए गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया। आज तक पार्टी से सिर्फ लिया ही लिया है, लेकिन गहलोत कभी अपने रहते पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए।

25 सितंबर की घटना पूरी तरह प्रायोजित थी
लोकेश शर्मा ने 25 सितंबर को गहलोत खेमे के विधायकों की बगावत पर भी निशाना साधते हुए लिखा- 25 सितंबर की घटना भी पूरी तरह से प्रायोजित थी। जब आलाकमान के खिलाफ विद्रोह कर अवमानना की गई। उसी दिन से खेल शुरू हो गया था।

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