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पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के लेटरपैड पर लेनदेन का एंग्रीमेंट:पीए द्वारा नौकरी लगवाने के लिए करोड़ों रुपए लेने की बात लिखी, गुढ़ा ने बताया फर्जी


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पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के लेटरपैड पर लेनदेन का एंग्रीमेंट:पीए द्वारा नौकरी लगवाने के लिए करोड़ों रुपए लेने की बात लिखी, गुढ़ा ने बताया फर्जी

पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के लेटरपैड पर लेनदेन का एंग्रीमेंट:पीए द्वारा नौकरी लगवाने के लिए करोड़ों रुपए लेने की बात लिखी, गुढ़ा ने बताया फर्जी

उदयपुरवाटी : बसपा से चुनाव लड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले उदयपुरवाटी विधायक राजेद्र गुढ़ा एक बार फिर चर्चा में है। अपनी ही सरकार को घेरने पर कांग्रेस ने इनको बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद लाल डायरी काफी चर्चा में रही। अब गुढ़ा का एक लेटरपैड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें इनके पीए के द्वारा नौकरी लगवाने के लिए करोड़ों रुपए के लेनदेन की बात लिखी गई है।

जानकारी के अनुसार नौकरी लगवाने के नाम पर लेनदेन की बात लिखा पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की लैटर पैड सालभर पुराना बताया जा रहा है। पत्र पर गुढ़ा के पीए कृष्ण सिंह की ओर से मुकेश रोहिला व अदिति रेवाड़िया के साथ 27 लोगों को बिजली विभाग में नौकरी लगवाने का एग्रीमेंट किया गया है। बतौर एडवांस 1 करोड़ 35 लाख रुपए लेने व इतनी ही राशि नौकरी लगाने के बाद लेने तथा नौकरी नहीं लगाने पर 5 दिन में रुपए वापस देने की लिखा-पढ़ी की गई है। चुनाव से पहले अब एक बार फिर यह पत्र चर्चा में आा है। जिसके बाद इसकी सच्चाई जानने के लिए सभी पक्षों से बात की गई।

पीए कृष्ण सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि मंत्री के लैटर पैड के ऊपर के कागज की फोटो के साथ दूसरा पेपर जोड़कर फर्जी हस्ताक्षर करके फर्जी पत्र तैयार किया गया है। यह पत्र काफी समय पहले वायरल हुआ था। झूठा बदनाम करने के लिए फर्जी पत्र वायरल करने की रिट हाईकोर्ट में लगा रखी है। मुकेश रोहिला के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का मामला पुलिस थाने में भी दर्ज करवा रखा है। चुनाव के दौरान राजेंद्र सिंह गुढ़ा को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा पत्र वायरल किया गया है।

पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा से बात करने पर उन्होंने बताया कि चुनावों के समय विपक्षी लोग ऐसी औछी हरकतें करते हैं। चुनाव में राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के लिए फर्जी पत्र वायरल किया गया है। इस पत्र या इस एग्रीमेंट से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।

मामले में मुकेश रोहिला से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका मोबाइल स्वीच ऑफ था।

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