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भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर की स्थिति:सूरजगढ़ सीट पर आज तक किसी भी चुनाव में मौजूदा विधायक नहीं जीता, नहरी पानी का मुद्दा हावी


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भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर की स्थिति:सूरजगढ़ सीट पर आज तक किसी भी चुनाव में मौजूदा विधायक नहीं जीता, नहरी पानी का मुद्दा हावी

भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर की स्थिति:सूरजगढ़ सीट पर आज तक किसी भी चुनाव में मौजूदा विधायक नहीं जीता, नहरी पानी का मुद्दा हावी

सूरजगढ़ : सूरजगढ़ सीट पर भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है लेकिन दाेनाें ही दलाें में अंदरखाने बगावत का अंदेशा जताया जा रहा है। भाजपा ने यहां विधायक सुभाष पूनिया का टिकट काटकर पूर्व विधायक व सांसद रहीं संतोष अहलावत को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक श्रवणकुमार पर भरोसा जताया है। भाजपा प्रत्याशी की घोषणा होने पर भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश गजराज ने बगावती तेवर दिखाए थे लेकिन बाद में बड़े नेताओं ने उन्हें मना लिया था।

सीट का ट्रेंड : मौजूदा विधायक की राह कठिन रहती है

यहां से‎ भाजपा-कांग्रेस के साथ जनता दल, जनता ‎पार्टी व स्वतंत्र पार्टी जैसे छोटे दलों ने भी‎ जीत हासिल की है।‎ दो बार निर्दलीय भी जीते हैं। 1960 के‎ बाद से यहां किसी भी पार्टी का कोई ‎प्रत्याशी लगातार दूसरी बार नहीं जीता।‎ 1980 व 1985 में सुंदरलाल जीते लेकिन वह पहली बार निर्दलीय और दूसरी‎ बार कांग्रेस टिकट पर जीते थे। यहां हर चुनाव में माैजूदा‎ विधायक हारता रहा है।

अंदरखाने क्या : भाजपा को भितरघात की आशंका

भाजपा को भितरघात की आशंका है क्योंकि मौजूदा विधायक सुभाष पूनिया, युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश गजराज भी टिकट के दावेदार थे। टिकट नहीं मिलने पर गजराज ने बगावत के संकेत दिए लेकिन बाद में मान गए थे। अभी गजराज व पूनिया दोनों पार्टी प्रत्याशी के साथ हैं।

क्षेत्र की सबसे बड़ी मांग : नहरी पानी

क्षेत्र में पानी का मुद्दा हावी है। दोनों ही प्रत्याशी इसके समाधान के लिए कुंभाराम लिफ्ट परियोजना व नहर का पानी लाने का आश्वासन दे रहे हैं। क्षेत्र के मतदाता पानी की समस्या के समाधान सहित हरियाणा राज्य की सीमा से लगने वाले क्षेत्र में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने, भ्रष्टाचार मिटाने, केंद्र सरकार की नीतियों व राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा कर मतदान करने के मूड में हैं।

मतदाता के मन में क्या : क्षेत्र का वर्गीकरण हावी

यहां जातिगत फैक्टर हावी रहता है। दोनों ही प्रत्याशी जाट जाति से होने के कारण यहां क्षेत्र का वर्गीकरण कर वोट हासिल किए जाते रहे हैं। तीन में से सूरजगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में भाजपा व सिंघाना में कांग्रेस का दबदबा रहता है। यादव बहुल बुहाना क्षेत्र के वोट जिस पक्ष में जाएं, वह जीतता रहा है। जाट बहुल ‎इस सीट पर यादव व एससी के वाेट ‎निर्णायक माने जाते हैं।

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