नेहरू के करीबी रहे CM जगन्नाथ पहाड़ियाः महादेवी वर्मा पर टिप्पणी के बाद गंवाई कुर्सी, पढ़ें सियासी किस्सा
Rajasthan Assembly Election 2023 CM Jagannath Pahadia Story: राजस्थान के एक ऐसे नेता जो सबसे कम उम्र में देश के सांसद बने। उसके बाद प्रदेश के सीएम भी बने।

Rajasthan Assembly Election 2023 CM Jagannath Pahadia Story: राजस्थान के एक ऐसे नेता जो सबसे कम उम्र में देश के सांसद बने। उसके बाद प्रदेश के सीएम भी बने। इसके बाद इन्होंने एक साहित्य सम्मेलन में छायावादी कवयित्री महादेवी वर्मा की आलोचना की तो सीएम की कुर्सी चल गई। यह सीएम की कुर्सी उन्हें संजय गांधी का करीबी होने की वजह से मिली। चुनावी किस्सों में आज बात राजस्थान के पहली दलित सीएम जगन्नाथ पहाड़िया की।
ऐसे हुआ राजनीति में प्रवेश
भरतपुर के भुसावर में एक दलित परिवार में जन्में जगन्नाथ पहाड़िया अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते थे। साल 1957 में कांग्रेस के दिग्गज नेता मास्टर आदित्येंद्र युवा जगन्नाथ को नेहरू से मिलवाने ले गए। यहां उन्होंने नेहरू से कहा कि बाकी तो सब ठीक है लेकिन दलितों को ठीक से नेतृत्व नहीं मिल पा रहा है। इस पर नेहरू ने जगन्नाथ को चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया और वे मान भी गए। इसके बाद 1957 में देश के दूसरे आम चुनाव में सवाई माधोपुर से चुनाव लड़े और सबसे कम उम्र के सांसद बने।
संजय गांधी की मौत के बाद हाशिए पर चले गए थे
कुछ ही दिनों में पहाड़िया संजय गांधी के करीबी थे। उनके सीएम बनने के पीछे यह भी बड़ी वजह थी। उस दौर में उन्होंने कई दिग्गज नेताओं को पछाड़ा और फिर वे प्रदेश के सीएम बन गए। संजय गांधी के करीबी होने के कारण पहाड़िया इंदिरा सरकार में वित्त राज्य मंत्री भी रहे। पहाड़िया 6 जून 1980 से 14 जुलाई 1981 तक सिर्फ 13 महीने ही प्रदेश के सीएम रहे। इस कार्यकाल में इन्होंने प्रदेश में शराबबंदी की थी। लेकिन कुछ ही महीनों में उन्हें अपना यह निर्णय वापस लेना पड़ा था।
इसलिए सीएम पद से हटाए गए पहाड़िया
उनके सीएम पद से हटने का किस्सा भी बड़ा ही रोचक है। एक बार जयपुर में लेखकों के एक सम्मेलन में सीएम के तौर पर पहाड़िया को भी बुलाया गया था। इस कार्यक्रम में उस समय की मशहूर कवयित्री महादेवी वर्मा भी मौजूद थीं। पहाड़िया ने महादेवी वर्मा को लेकर कहा कि महादेवी वर्मा की कविताएं मुझे कभी समझ में नहीं आई। साहित्य ऐसा होना चाहिए ताकि आम-आदमी की समझ में आ सकें। ऐसा माना जाता है कि पहाड़िया की इसी टिप्पणी के बाद महादेवी ने उनकी शिकायत इंदिरा से की और उसके बाद पहाड़िया को सीएम पद छोड़ना पड़ा। पहाड़िया संजय गांधी की मृत्यु के बाद हाशिए पर चले गए थे। हालांकि बाद में वे बिहार और हरियाणा के राज्यपाल भी रहे।
राजस्थान के आखिरी दलित सीएम
बता दें कि जगन्नाथ पहाड़िया राजस्थान पहले और आखिरी दलित सीएम थे। उनके बाद से किसी को दलित सीएम नहीं बनाया गया। कांग्रेस के आला नेताओं की गुड बुक में होने के कारण वे चार बार सांसद और चार बार विधायक रहे। इसके अलावा इंदिरा गांधी की सरकार में वित्त राज्य मंत्री भी रहे। वे 1989 से 1990 तक बिहार और 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल रहे।