26 सप्ताह की गर्भवती महिला को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली गर्भपात की इजाजत
26 सप्ताह की गर्भवती महिला को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली गर्भपात की इजाजत

इस केस में काफी अजीबोगरीब स्थिति बन गई थी
गर्भपात के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पिछले कई दिनों से सुनवाई चल रही थी। पिछले दिनों जब सुप्रीम कोर्ट की दूसरी खंडपीठ ने गर्भपात की इजाजत देने से इंकार कर दिया था। तब केंद्र के रवैये से काफी अजीबोगरीब स्थिति बन गई थी।
महिला ने कहा था कि वह तीसरे बच्चे को पालने में असमर्थ
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली महिला ने मेडिकल आधार पर 26 सप्ताह के भ्रूण को ख़त्म करने की मांग की थी। उसने कहा कि वह प्रसव के बाद के संभावित अवसाद सहित स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है और तीसरे बच्चे को पालने में असमर्थ है। अदालत ने पहले इस मामले में भ्रूण को ख़त्म करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था लेकिन बाद एम्स दिल्ली की एक रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। उस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भ्रूण के जीवित रहने की बड़ी संभावना है।
गर्भवती महिला ने कहा था कि वह तीसरे बच्चे को पालने में असमर्थ है
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली महिला ने मेडिकल आधार पर 26 सप्ताह के भ्रूण को ख़त्म करने की मांग की थी। उसने कहा कि वह प्रसव के बाद के संभावित अवसाद सहित स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है और तीसरे बच्चे को पालने में असमर्थ है। अदालत ने पहले इस मामले में भ्रूण को ख़त्म करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था लेकिन बाद एम्स दिल्ली की एक रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। उस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भ्रूण के जीवित रहने की बड़ी संभावना है।