CJI डीवाई चंद्रचूड़ बोले-वकालत में महिलाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए:हाईकोर्ट में वकील कोटे से सिर्फ दो महिला जज होने पर जताया आश्चर्य
CJI डीवाई चंद्रचूड़ बोले-वकालत में महिलाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए:हाईकोर्ट में वकील कोटे से सिर्फ दो महिला जज होने पर जताया आश्चर्य

जयपुर : देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने वकालत के पेशे में महिलाओं को प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट में वकील कोटे से सिर्फ दो महिला जज होने पर आश्चर्य जताते हुए यह बात कही।
सीजेआई ने राजस्थान में जिला न्यायालयों में महिला न्यायिक अधिकारियों की संख्या में बढ़ोतरी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश के 1344 न्यायिक अफसरों में से 562 महिला न्यायिक अफसर हैं। इसके अलावा वर्ष 2021 की न्यायिक अफसर भर्ती में चयनित 120 न्यायिक अफसरों में से 71 महिलाएं हैं।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ शनिवार को जेईसीसी में आयोजित हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली समारोह के शुभारंभ के मौके पर संबोधित कर रहे थे।
नई तकनीक के इस्तेमाल में हिचक नहीं होनी चाहिए
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश बहुत तेजी से बदल रहा है और तकनीक का व्यापक स्तर पर उपयोग हो रहा है। ऐसे में न्यायपालिका को भी वक्त के साथ बदलना चाहिए। हमें नई तकनीक के इस्तेमाल को लेकर हिचक नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा- वीसी के जरिए एक जगह बैठा हुआ वकील देश की किसी भी अदालत में पैरवी कर सकता है। जोधपुर मुख्यपीठ और जयपुर पीठ में वीसी के जरिए एक ही केस की सुनवाई दो जजों द्वारा एक साथ करने की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह तकनीक के उपयोग का अच्छा उदाहरण है। उन्होंने आरटीआई कानून के लिए किए गए आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि इसके कारण ही पारदर्शिता का कानून लागू हो पाया है।
वकीलों व पक्षकारों के लिए टेलीग्राम चैनल लॉन्च
समारोह के दौरान सीजेआई ने हाईकोर्ट और जयपुर की कॉमर्शियल कोर्ट को पेपर लैस करने की लॉन्चिंग की। इसके अलावा वकीलों व पक्षकारों को सूचनाएं मुहैया कराए जाने के लिए टेलीग्राम चैनल भी लॉन्च किया गया। वहीं प्लेटिनम जुबली सेलिब्रेशन के लिए लोगो एंड मोटो भी लॉन्च किया गया।
जयपुर पीठ के खिलाफ जोधपुर के वकीलों का कार्य बहिष्कार उचित नहीं
समारोह को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि जयपुर में हाईकोर्ट की स्थापना को लेकर जोधपुर के वकीलों का महीने के अंतिम दिन न्यायिक बहिष्कार करना उचित नहीं है।
इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट ने कहा कि यह प्रदेश दुनिया के 133 देशों से बड़ा है। यहां कि अपनी समस्याएं हैं। यहां कुल 353 कोर्ट कॉम्पलेक्स हैं, जिनमें संसाधनों की पहुंच बनाना कठिन है। इसके बावजूद भी यहां शानदार काम हो रहा है। उन्होंने सांगानेर खुली जेल की तरह अन्य राज्यों में भी खुली जेल खोले जाने की आवश्यकता की बात कही।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मित्थल ने कहा कि यह वह प्रदेश हैं, जहां चेतक के रूप में घोड़े की स्वामिभक्ति की पूजा की जाती है। आज न्यायपालिका का भारतीयकरण किया जा रहा है। दिसंबर महीने तक सुप्रीम कोर्ट के 35 हजार फैसलों का भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा।