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राजस्थान: कांग्रेस ने अपनाया वसुंधरा का फॉर्मूला, चुनाव से पहले 3.5 करोड़ लोगों तक सीधी पहुंची गहलोत सरकार!


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राजस्थान: कांग्रेस ने अपनाया वसुंधरा का फॉर्मूला, चुनाव से पहले 3.5 करोड़ लोगों तक सीधी पहुंची गहलोत सरकार!

Rajasthan Election 2023 : कांग्रेस की गहलोत सरकार ने पिछले महीनों में प्रदेश भर में महंगाई राहत कैंप लगाकर 10 योजनाओं में लोगों और परिवारों के पंजीयन किए। इनमें नाम और फोन नंबर से सरकार दो करोड़ लोगों तक सीधे पहुंची है। ग्रामीण व शहरी ओलंपिक में 46 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं...

Rajasthan Election 2023 : राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने भले ही उम्मीदवारों की एक सूची जारी कर दी है। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी अब प्रत्याशियों के चयन के लिए जद्दोजहद करते हुए नजर आ रही है। लेकिन इसी बीच दलों ने प्रदेश में अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है। प्रत्याशियों के घर-घर संपर्क का दौर शुरू होने से पहले ही दोनों दलों में हर वोटर तक पहुंचने की होड़ लगी हुई है। भाजपा और संघ के कार्यकर्ता गहलोत सरकार की नाकामी को लेकर सड़कों पर हैं। वहीं कांग्रेस सरकार व सीएम अशोक गहलोत अपनी योजनाओं के जरिए 3.5 करोड़ लोगों से जुड़ाव बना चुके हैं। इसका मुख्य कारण महंगाई राहत शिविर, शहरी व ग्रामीण ओलंपिक और मिशन 2030 इसके प्रमुख माध्यम बने हैं।

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस की गहलोत सरकार ने पिछले महीनों में प्रदेश भर में महंगाई राहत कैंप लगाकर 10 योजनाओं में लोगों और परिवारों के पंजीयन किए। इनमें नाम और फोन नंबर से सरकार दो करोड़ लोगों तक सीधे पहुंची है। ग्रामीण व शहरी ओलंपिक में 46 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। इसके अलावा सरकार ने विजन डॉक्यूमेंट 2030 बनाने के लिए डेढ़ माह अभियान चलाकर सुझाव मांगे। विभागों और सीधे वेबसाइट के जरिए सुझाव देने वालों की संख्या 3.33 करोड़ है। स्टेक होल्डर्स सरकार के संपर्क में पूर्व से ही है। वेबसाइट से सुझाव देने वालों का डाटा भी ऑनलाइन आ गया है। 2018 के चुनाव में तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने भी इसी तरह की योजनाओं के जरिए एक बड़ा डाटा जुटाया था। इनमें भामाशाह योजना के जरिए एक करोड़ लोग सीधे जुड़े थे। सरकार एक करोड़ लोगों को 1 हजार रुपये कीमत का मोबाइल देने की योजना लाई थी।

प्रदेश की इन योजनाओं से जुड़े इतने लोग

अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना 1.06 करोड़ परिवार
इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना 76000 परिवार
चिरंजीवी बीमा योजना 1.35 करोड़ परिवार
निशुल्क बिजली योजना 95.33 लाख परिवार
निशुल्क कृषि बिजली योजना 11.51 लाख किसान परिवार
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना 57.42 लाख लोग
सामाजिक सुरक्षा सुरक्षा पेंशन 64.12 लाख लोग
कामधेनु पशु बीमा योजना  1.11 करोड़ लोग

 

गहलोत सरकार पर लगातार बढ़ रहा कर्ज, नई योजनाओं से मुश्किल बढ़ी

उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चुनावी राज्य राजस्थान की बकाया देनदारियों में सालाना 17.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। गहलोत सरकार का मार्च 2019 में कर्ज 3,11,854 करोड़ था। जो मार्च 2023 में बढ़कर 5,37,013 करोड़ तक पहुंच गया है। राज्य की गहलोत सरकार की तरफ शुरु की गई प्रमुख योजना और उनके बजट पर नजर डाली जाए, तो सवाल उठता है कि कर्ज में डूबे होने के बावजूद लाखों करोड़ों रुपये की योजनाओं का अतिरिक्त भार सरकार कैसे उठाएगी।

  • प्रदेश सरकार की योजनाओं पर नजर डालें तो सामने आता है कि कई ऐसी योजनाएं जिस पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। सरकार राज्य की महिलाओं के लिए स्मार्टफोन देने की योजनाएं लेकर आई है। इसमें पात्र महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट खर्च कर रही है। राजस्थान मुफ्त योजनाओं की लिस्ट में लगभग 1.33 करोड़ महिलाओं को मुफ्त मोबाइल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • इसके अलावा सरकार ने 30 हजार मेधावी छात्रों को फ्री स्कूटी देने का वादा किया है। इसकी कुल 390 करोड़ रुपये लागत है। इसके अलावा भारत सरकार ने 70 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को सब्सिडी वाले सिलंडर देने का एलान किया है। इस घोषणा से राज्य सरकार हर साल लगभग 3,300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
  • प्रदेश सरकार अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना लेकर आई है। इसमें हर लाभार्थियों को हर माह फेयर प्राइस शॉप से ये फूड पैकेट मुफ्त मिलेंगे। इसके लिए फेयर प्राइस शॉप को हर एक पैकेट पर 10 रुपये का कमीशन मिलेगा। इस योजना पर राज्य सरकार सालाना 4,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सीएम ने इसी साल पेश किए बजट में इस योजना की घोषणा की है।
  • राजस्थान सरकार ने नई युवा नीति के लिए 500 करोड़ रुपये का युवा कल्याण फंड बनाने का एलान किया है। सभी प्रकार की भर्ती परीक्षा फ्री में कराने की घोषणा हुई है। इससे प्रदेश के खजाने पर 200 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा।
  • गहलोत सरकार ने 500 रुपये प्रतिमाह मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन को बढ़ाकर 1 हजार रुपये कर दिया है। खुद सीएम गहलोत ने बताया था कि इससे प्रदेश सरकार पर 12 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है। अगर इन सभी योजनाओं के बजट को जोड़कर देखें, तो ये करीब 7,990 करोड़ रुपये बैठ रहा है।

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