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यमुना नहर का पानी नहीं आने के लिए राजनीतिक दल व सरकारों का उपेक्षापूर्ण रवैया जिम्मेदार


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यमुना नहर का पानी नहीं आने के लिए राजनीतिक दल व सरकारों का उपेक्षापूर्ण रवैया जिम्मेदार

यमुना नहर का पानी नहीं आने के लिए राजनीतिक दल व सरकारों का उपेक्षापूर्ण रवैया जिम्मेदार

झुंझुनूं : झुंझुनूं यमुना जल हमारा हक आंदोलन समिति शेखावाटी के संयोजक एडवोकेट चौधरी सहीराम ने कहा कि राजनीतिक दलों व सरकारों के उपेक्षा पूर्ण रवैया की वजह से तीस साल बाद भी शेखावाटी को उसके हिस्से का नहरी पानी नहीं मिल पाया। रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए यमुना जल हमारा हक आंदोलन समिति शेखावाटी के संयोजक एडवोकेट चौधरी सहीराम ने कहा कि 1994 में पांच राज्यों के बीच हुए लिखित समझौते में झुंझुनूं व चूरू जिले की राजगढ़ तहसील को यमुना नहर का पानी स्वीकृत हुआ। लेकिन झुंझुनूं जिले को आज भी यह पानी नहीं मिल पाया है।

डार्क जोन में शामिल झुंझुनूं जिले को पीने और सिंचाई के लिए नहरी पानी की आवश्यकता है, लेकिन राजनीतिक दलों व सरकारों की उपेक्षा रवैये के चलते यमुना का पानी नहीं पहुंचा है। वसुंधरा राजे की ओर से 2018 में नहर के लिए बनाई गई डीपीआर को अभी तक केंद्रीय जल आयोग ने अभी तक मंजूर नहीं किया है। डार्क जोन में आ चुके शेखावाटी में नहर का पानी अति आवश्यक है। 8 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट पर सभा होगी। जिसमें समिति के सदस्य व जिले के लोग शामिल होंगे। इस अवसर पर विक्रम दूलड़, अशोक मांजू, सुभाष िसलायच, दिनेश चौधरी थे। समिति के पोस्टर का विमोचन भी किया गया। यमुना जल हमारा हक समिति के पोस्टर का विमोचन करते पदाधिकारी।

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