Sachin Pilot: किसके पास होगी कमान, तय करेगा आलाकमान; एकजुट होकर तोड़ेंगे पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी रेगिस्तानी राज्य में सरकार को दोहराने की दिशा में सभी की प्राथमिकता और प्रयासों के साथ पूरी तरह से एकजुट है। अगली सरकार का नेतृत्व कौन करेगा इसका निर्णय नवनिर्वाचित विधायकों के साथ आलाकमान परामर्श के बाद तय करेगा।

सचिन पायलट : कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि अगली सरकार का नेतृत्व कौन करेगा इसका निर्णय नवनिर्वाचित विधायकों के साथ आलाकमान परामर्श के बाद तय करेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस आगामी चुनावों में राजस्थान में पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा को तोड़ेगी। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी रेगिस्तानी राज्य में सरकार को दोहराने की दिशा में सभी की प्राथमिकता और प्रयासों के साथ पूरी तरह से एकजुट है।
हैदराबाद में महत्वपूर्ण कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से पहले पायलट ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस 2018 के राजस्थान चुनावों में किए गए सभी चुनावी वादों पर खरी उतरी है। उन्होंने कि भाजपा को हराने के लिए राज्य सरकार और पार्टी मिलकर काम कर रही है। चुनाव में पार्टी के सामूहिक नेतृत्व के साथ उतरने से जुड़े अपने पहले के बयान के बारे में पूछे जाने पर पायलट ने कहा कि यह न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश में कांग्रेस की परंपरा रही है।
उन्होंने कहा कि एक बार जब हम जीत जाते हैं और बहुमत प्राप्त कर लेते हैं, तो विधायक और पार्टी नेतृत्व तय करते हैं कि विधायक दल का नेतृत्व कौन करेगा। यह कोई नई बात नहीं है। यह दशकों से प्रथा रही है और अगले कुछ महीने में हम जिन राज्यों में चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं वहां पर भी यही नीति अपनाई जाएगी।
विधायकों से विचार विमर्श किया जाएगा
पार्टी के सीएम चेहरे के बारे में पूछे जाने पर पायलट ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी हमारे नेता हैं और राजस्थान में हमारी कांग्रेस सरकार है। इसलिए हमें प्रभावी ढंग से एकजुट होकर काम करना होगा, ताकि बहुमत हासिल कर पाएं। अगर हमें बहुमत मिलता है तो विधायकों से विचार विमर्श किया जाएगा और नेतृत्व उसके आधार पर फैसला करेगा कि सरकार की कमान किसे सौंपी जाए।
2018 में भी हमारे पास सीएम का कोई चेहरा नहीं था
उन्होंने कहा कि पिछली बार 2018 में जब मैं राज्य पार्टी प्रमुख था, तब भी हमारे पास सीएम का कोई चेहरा नहीं था। चुनाव के बाद विधायकों और नेतृत्व ने फैसला किया था। उस समय अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी ने ही तय किया था कि सरकार का नेतृत्व कौन करेगा।
अपने बयान में हमेशाा सम्मान और संयम दिखाया
यह पूछे जाने पर कि अतीत में गहलोत ने उन्हें ‘निकम्मा’, ‘नाकारा’ और ‘गद्दार’ जैसे नामों से बुलाया था और क्या उन्होंने इसे पीछे छोड़ दिया है, पायलट ने कहा, ”मैंने अपने सभी सार्वजनिक बयानों में हमेशा अत्यधिक सम्मान और संयम दिखाया है। मेरे मूल्य और परवरिश मुझे ऐसी भाषा का उपयोग करने की इजाजत नहीं देते जो हमारे प्रवचन की गरिमा को कम कर दे।
फैसला एआईसीसी को करना है
यह पूछे जाने पर कि पिछले साल विधायक दल की बैठक नहीं होने देने के मामले में गहलोत के तीन वफादार नेताओं के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई है, पायलट ने कहा कि वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि ऐसे मुद्दों पर फैसला एआईसीसी को करना है।
पायलट का दावा- भाजपा की राज्य में स्थिति ठीक नहीं
पायलट ने दावा किया कि भाजपा की राज्य में स्थिति ठीक नहीं है। उनमें अपने संगठन के भीतर विभिन्न प्रकार के विरोधाभास चल रहे हैं। पायलट ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा केंद्र में सत्ताधारी दल की भूमिका नहीं निभा पाई और लोगों को निराश किया है। साथ ही राजस्थान में विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पाई है। राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर भारतीय जनता पार्टी के हमले पर पलटवार करते हुए पायलट ने कहा कि भाजपा को संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण करने के बजाय उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, अन्य भाजपा शासित राज्यों में दलितों एवं आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर भी उतनी ही चिंता दिखानी चाहिए।