निजी बसों पर टैक्स में छूट मिले तो ऑपरेटर्स भी देंगे महिलाओं व दिव्यांगों को किराए में 50% रियायत
वाहनों की उम्र 15 से 25 वर्ष की जाए, निजी वाहनों को टोल से मुक्त रखा जाए
झुंझुनूं : निजी बस ऑपरेटर्स का कहना था कि यदि राज्य सरकार उन्हें टैक्स में छूट दे तो वे भी रोडवेज बसों की तरह ही महिलाओं और दिव्यांगों को किराए में 50 प्रतिशत छूट दे सकते हैं। वहीं एक महिला अधिवक्ता ने सुझाव दिया कि निजी बसों में भी यात्री को टिकट देने का प्रावधान होना चाहिए।
एक हितधारक ने सुझाव दिया कि ई-रिक्शा को नगरपालिका परमिट जारी किया जाना चाहिए। निजी वाहनों को टोल टैक्स से मुक्त किया जाए। 15 वर्ष पुराने वाहनांे पर ग्रीन टैक्स कम किया जाए। परिवहन कार्यालयांे में एकल खिड़की व्यवस्था हो। ऐसे ही करीब 150 से ज्यादा सुझाव बुधवार को जिला परिवहन कार्यालय में आयोजित संवाद कार्यक्रम में मिले। डीटीओ संजीव कुमार दलाल ने बताया कि राज्य सरकार के विजन दस्तावेज-2030 के तहत संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें प्राइवेट बस एसोसिएशन संघ, मोटर ड्राइविंग स्कूल संचालक, एडवोकेट्स सहित आमजन ने शिरकत की।
कार्यक्रम के दौरान प्राइवेट बस एसोसिएशन संघ के अध्यक्ष भोपाल सिंह गेट ने कहा कि राजस्थान की बजाय यात्रीकर काफी कम होने के चलते वाहन मालिक बसों का पंजीयन अन्य राज्यों में करवा रहे हैं। टैक्स अन्य राज्यों के समानांतर किया जाए ताकि राज्य को रेवेन्यू का नुकसान नहीं हो।
साथ ही अन्य राज्यों में पंजीकृत वाहनों का टैक्स समस्त भारत परमिट / टैक्स होते हुए भी परमिट शर्तों के उल्लंघन का चालान बनाना बंद किया जाना चाहिए। भोपाल सिंह ने सुझाव दिया कि वाहनों पर फिटनेस संबंधी 50 रुपए प्रतिदिन की पेनल्टी हटाई जाए। फिटनेस सेंटरों पर सरकार द्वारा निर्धारित दर की सूची प्रदर्शित की जाए ताकि वाहन स्वामियों का शोषण बंद हो या फिर फिटनेस सेंटरों को ही बंद कर परिवहन कार्यालयों में ही यह व्यवस्था लागू की जाए। एडवोकेट पिंकी शर्मा ने सुझाव दिया कि निजी बसों में भी यात्रियों को टिकट देने का प्रावधान होना चाहिए।
क्योंकि वे बस सेवा का उपभोग करते हैं तो एक उपभोक्ता होने के नाते उन्हें सेवा के बदले मूल्य चुकाने पर इसकी रसीद / बिल लेने का भी अधिकार है। संवाद कार्यक्रम के दौरान हितधारकों ने कहा कि मॉडल कंडीशन संपूर्ण देश की बजाय केवल महानगरों में लागू की जाए। क्योंकि सभी वाहन मालिक नया वाहन खरीदने में समर्थ नहीं हैं। वाहनों को अवधि पार किए जाने की उम्र भी 15 से बढ़ाकर 25 वर्ष की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि डीलरों (एजेन्सियों) द्वारा बिक्री किए गए वाहनों पर RTO के नाम से मनमर्जी से की जाने वाली वसूली को बंद किया जाए या फिर पहले की तरह वाहन पंजीयन का काम परिवहन कार्यालय में ही चालू किया जाए।
एक सुझाव यह भी था कि जब सरकार निजी वाहनों से पंजीयन के वक्त एक बारीय टैक्स ले लेती है तो फिर टोल टैक्स क्यों लिया जाता है, इसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए। राज्य की पिछली सरकार ने निजी वाहनों का टोल टैक्स माफ किया था। डीटीओ में रिकॉर्ड संधारण कक्ष की व्यवस्था हो : संवाद कार्यक्रम में जिला परिवहन कार्यालय के कर्मचारियों ने भी सुझाव दिया कि यहां रिकॉर्ड संधारण के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है।
इस वजह रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने में काफी परेशानियां आ रही हैं। कार्यालय में एक कमरा अलग से होना चाहिए जहां रिकॉर्ड का संधारण सुव्यवस्थित तरीके से किया जा सके। हितधारक अनिल नैण ने सुझाव दिया कि एडवांस नंबर के लिए जमा की गई धनराशि के रिफंड की भी ऑनलाइन व्यवस्था भी होनी चाहिए। सर्वर प्रणाली में सुधार किया जाना चाहिए। मोटर ड्राइविंग स्कूल संचालकों ने सुझाव दिया कि लर्निंग लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था ई-मित्र की बजाय ड्राइविंग स्कूल या परिवहन कार्यालय में की होनी चाहिए।