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भरतपुर : लव मैरिज की सजा 8 साल से भुगत रहा परिवार:गांव वालों ने नल-नाली की बंद; पूरे परिवार को घेरकर लाठियां बरसाईं


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भरतपुर : लव मैरिज की सजा 8 साल से भुगत रहा परिवार:गांव वालों ने नल-नाली की बंद; पूरे परिवार को घेरकर लाठियां बरसाईं

लव मैरिज की सजा 8 साल से भुगत रहा परिवार:गांव वालों ने नल-नाली की बंद; पूरे परिवार को घेरकर लाठियां बरसाईं

भरतपुर : लव मैरिज की सजा एक परिवार 8 साल से भुगत रहा है। लड़का-लड़की एक ही गोत्र के थे इसलिए गांव वालों को शादी से ऐतराज था। लड़के ने शादी के बाद घर छोड़ दिया, लेकिन गांव वाले उसका पता लगाते और परेशान करते। लड़के ने 10 शहर बदले। तीन साल पहले लड़का गांव लौटा तो उसके घर से नल और नाली का कनेक्शन बंद कर दिया गया। हाईकोर्ट से प्रोटेक्शन मिला लेकिन पुलिस कहती है- तुम गांव में नहीं रह सकते।

मामला भरतपुर के सेवर थाना इलाके का है। इलाके के बसुआ गांव में रहने वाला रंजीत (37) और उसका पूरा परिवार भरतपुर के आरबीएम हॉस्पिटल में है। पूरे परिवार को गांव वालों ने 30 अगस्त को घेरकर पीटा था। हमले में रंजीत के पिता नारायण सिंह (58), मां मोहन देई (59) और पत्नी सुमन (26) घायल हो गए थे।

30 अगस्त को रंजीत और उसके परिवार पर कुछ लोगों ने लाठियों से हमला कर दिया।
30 अगस्त को रंजीत और उसके परिवार पर कुछ लोगों ने लाठियों से हमला कर दिया।

रंजीत ने बताया- मैं और सुमन दोनों पड़ोसी गांवों के हैं। मैं बसुआ का हूं और सुमन बांसी गांव की। 2014 में सुमन के पिता का रिटायरमेंट था। मैं तब फोटोग्राफी का काम करता था। रिटायरमेंट प्रोग्राम में फोटोग्राफी करने गया तो सुमन से पहली मुलाकात हुई। दोनों में प्यार हुआ और हमने 2015 में लव मैरिज कर ली।

हम दोनों एक ही गोत्र के थे इसलिए हमारे गांव के समाज को हमारी शादी पर ऐतराज था। लोग चाहते थे कि हम घर छोड़कर चले जाएं। मैं सुमन को लेकर भरतपुर से बाहर चला गया। समाज के लोगों को मेरे ठिकाने का पता लगा तो वे वहां पहुंच गए और परेशान करने लगे। हम जहां जाते वहां गांव के लोग बेइज्जत करते। हमने 10 शहर बदले, लेकिन गांव वाले तंग करते रहे।

पत्नी सुमन के साथ पति रंजीत सिंह। तस्वीर भरतपुर के आरबीएम हॉस्पिटल की है। सुमन के सिर में चोट आई है।
पत्नी सुमन के साथ पति रंजीत सिंह। तस्वीर भरतपुर के आरबीएम हॉस्पिटल की है। सुमन के सिर में चोट आई है।

2020 में मेरे भाई की मौत हुई तो मैं पत्नी सुमन और बेटी वंशिका (5) को लेकर बसुआ गांव आ गया। मेरे माता-पिता को मेरी जरूरत थी। मेरे परिवार ने सुमन को अपना लिया था लेकिन समाज के लोगों को 5 साल बाद भी चैन नहीं था। मेरे लौटने के बाद मेरे घर का नल का कनेक्शन काट दिया गया। मेरे घर की नाली को 8 महीने से ब्लॉक कर रखा है। पुलिस से गुहार लगाई लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

रंजीत ने कहा कि 5 साल मुझे घर नहीं आने दिया गया। हमें भगाने के लिए जान से मारने की धमकी देते हैं। बेवजह झगड़ा करते हैं। हम हाथ जोड़ चुके लेकिन ये नहीं मानते। कहते हैं कि गांव में नहीं रहने देंगे, मार डालेंगे। हाईकोर्ट से प्रोटेक्शन लिया है लेकिन पुलिस भी मदद नहीं कर रही है।

रंजीत के पिता नारायण को दोनों हाथों में चोट आई है।
रंजीत के पिता नारायण को दोनों हाथों में चोट आई है।

30 अगस्त को मैं पानी भरने जा रहा था तो पड़ोसी युवक और उसके साथ दो अज्ञात व्यक्ति मिले। रास्ता रोककर धमकी दी कि जान से मार देंगे। मैंने घर आकर परिवार को बताया तो थाने में शिकायत करने की बात कही। हम लोग उसी वक्त सेवर थाने में शिकायत करने निकले तो हम पर 8-10 लोगों ने लाठियों से हमला कर दिया।

पापा का हाथ तोड़ दिया। मेरे गले और कमर पर वार किए। मेरे भाई पप्पी को मारा। जमकर लाठी बरसाई। मैंने 100 नंबर कॉल किया तो काफी देर तक पुलिस नहीं आई। पुलिस आई भी मुझे ही कहा कि प्रेम विवाह करके तुम गांव में नहीं रह सकते।

रंजीत की मां को भी चोटें आई हैं।
रंजीत की मां को भी चोटें आई हैं।

रंजीत ने कहा- हाईकोर्ट कहता है कि लव मैरिज के बाद गांव में-घर में रह सकते हो, पुलिस सुरक्षा दी जाएगी। जबकि पुलिस तो हमें ही मरवा रही है। पुलिस क्या रोल निभा रही है? कानून कहता है कि प्रेम विवाह करने वालों की रक्षा करेंगे और पुलिस खुद चौराहे पर कहती है कि तुम गांव में नहीं रहोगे। पुलिस हमसे क्या चाहती है?

फिलहाल सेवर थाना पुलिस ने रंजीत के पिता नारायण, मां मोहन देई और पत्नी सुमन का आरबीएम हॉस्पिटल में मेडिकल कराया है। रंजीत का कहना है कि उसे न्याय और पुलिस का साथ चाहिए, ताकि वह चैन से अपने परिवार के साथ गांव में रह सके। उधर, सेवर थाना अधिकारी सुनील कुमार का कहना है कि रंजीत ने 1 सितंबर को मामला दर्ज करवाया था। मामले की जांच की जा रही है।

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