Wrestling: बजरंग-विनेश को सीधे टीम में शामिल करने पर हाईकोर्ट गए पहलवान, हिसार में धरने पर बैठे
सुजीत और अंतिम पंघाल ने तदर्थ समिति के फैसले को चुनौती दी है। पहलवान हिसार में धरने पर बैठे हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की पीठ आज सुनवाई करेगी। पहलवानों ने याचिका में ट्रायल की वीडियोग्राफी कराने की मांग की है।
हरियाणा : विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को एशियाई खेलों की टीम में बिना ट्रायल शामिल किए जाने के फैसले को अदालत में चुनौती दी गई है। बजरंग के भार वर्ग 65 और विनेश के 53 भार में खेलने वाले पहलवान सुजीत और अंतिम पंघाल ने तदर्थ समिति के इस फैसले के खिलाफ बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण ले ली। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की पीठ में मामले की सुनवाई वीरवार को होगी। वहीं, हिसार में अंतिम पंघाल के साथ कई अन्य पहलवान इस फैसले के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं।
सुजीत और अंतिम ने संयुक्त रूप से याचिका दाखिल की। इसमें भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति की ओर से बजरंग, विनेश को एशियाड की टीम में बिना ट्रायल के सीधे प्रवेश देने के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि 22-23 जुलाई को एशियाई खेलों की टीम के चयन को होने वाले ट्रायल पक्षपात रहित और बिना किसी को टीम में सीधे प्रवेश दिए बिना होने चाहिए।
ट्रायल की वीडियोग्राफी कराने की भी मांग की गई है। सुजीत के पिता दयानंद कलकल ने कहा कि बजरंग, विनेश ने जंतर-मंतर पर धरने के दौरान कहा था कि उनका यह संघर्ष जूनियर पहलवानों की भलाई के लिए है, लेकिन अब जूनियर पहलवानों को ही अलग-थलग किया जा रहा है। अगर दोनों पहलवान ट्रायल में खेलते और लड़ते तो किसी को शिकायत नहीं होती।
धरने पर फैसला वापस लेने की उठी आवाज
हिसार में जूनियर विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल की अगुवाई में कई पहलवान और उनके परिवार के लोग लघु सचिवालय पर धरने पर बैठ गए। इनमें बजरंग के भार वर्ग में खेलने वाले पहलवान विशाल कालीरमण के परिवार के लोग भी शामिल थे। धरने में शामिल होने वालों में हिसार के बाबा लाल दास अखाड़ा और दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के पहलवान भी शामिल थे। इससे पहले अंतिम ने वीडियो जारी कर कहा कि उनके अलावा विनेश को पांच से छह पहलवान हरा सकते हैं। धरने के दौरान बजरंग और विनेश का समर्थन करके अब वह अपने को छला हुआ महसूस कर रही हैं।
एक साल से उपलब्धि न अभ्यास और खेलेंगी एशियन चैंपियनशिप, गोल्ड मेडलिस्ट बाहर
एशियन चैंपियनशिप में बगैर ट्रायल पहलवानों के चयन को लेकर विवाद बढ़ने लगा है। जूनियर वर्ग की विश्व चैंपियनशिप में देश की पहली स्वर्ण पदक विजेता 53 किलोग्राम भार वर्ग की पहलवान अंतिम पंघाल इसके विरोध में खुलकर सामने आ गई हैं। अंतिम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। इसमें विनेश के चयन पर सवाल उठाते हुए अंतिम ने कहा है कि चैंपियनशिप में भेजी रही पहलवान की पिछले एक साल में कोई उपलब्धि नहीं है। यही नहीं, अभ्यास तक से दूर रही यह पहलवान सीधे चैंपियनशिप में खेल कर पदक लाएगी, यह पक्का नहीं है। वहीं, जूूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर देश की पहली महिला विश्व चैंपियन बनने वाली अंतिम पंघाल बाहर बैठेगी। अंतिम ने कहा कि विनेश के साथ मेरी बाउट पहले हो चुकी है। उस समय 3-2 से हार का सामना करना पड़ा। काॅमनवेल्थ खेलों के लिए हुए ट्रायल में हमारे बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। यहां धोखे से मुझे हरा दिया गया। इसके बावजूद मेरा प्रयास एशियन चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन के जरिए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का रहा। अब जब मौका आया हो तो विनेश का नाम बगैर ट्रायल चुन लिया गया।
फैसला वापस नहीं होने पर दिल्ली में देंगे धरना
अंतिम के शुरुआती कोच लिली सिसाई ने कहा कि अगर तदर्थ समिति ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वे ट्रायल के दौरान 22-23 जुलाई को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में धरना देंगे। वहीं, अंडर-23 एशियाई विजेता सुजीत ने कहा कि वह बीते वर्ष राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल में बजरंग से खेले थे। यह बाउट काफी नजदीकी रही थी। उस दौरान भी उन्हें सीधे सेमीफाइनल में प्रवेश दिया गया था और वह सारे दौर खेल कर आए थे।
कुश्ती महासंघ के चुनाव 7 अगस्त को हो सकते हैं
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गौहाटी हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाए जाने के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव का रास्ता साफ हो गया। सूत्रों के मुताबिक चुनाव सात अगस्त को कराए जा सकते हैं। गौहाटी हाईकोर्ट ने असम कुश्ती संघ की याचिका पर महासंघ के 11 जुलाई को होने वाले चुनाव पर रोक लगा दी थी, जिसे आंध्र प्रदेश कुश्ती संघ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी थी। सूत्र बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव के लिए नियुक्त निर्वाचन अधिकारी ने बुुधवार को आईओए के साथ बैठक की।