UCC: समान नागरिक संहिता की क्यों हो रही चर्चा, संविधान इस पर क्या कहता है, इसके लागू होने से क्या बदलेगा?
समान नागरिक संहिता का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी धर्मों का एक कानून होगा। शादी, तलाक, गोद लेने और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।
विधि आयोग ने बुधवार को समान नागरिक संहिता (UCC) के मसले पर नए सिरे से परामर्श मांगने की प्रक्रिया शुरू की है। आयोग ने आम लोगों और धार्मिक संगठनों से इस मुद्दे पर राय मांगी है। विधि आयोग के इस कदम के बाद समान नागरिक संहिता का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है।
आखिर समान नागरिक संहिता क्या है? संविधान इस पर क्या कहता है? इसका इतिहास क्या है? नागरिक कानून आपराधिक कानून से कैसे अलग होता है? समान नागरिक संहिता से क्या बदलेगा? समान नागरिक संहिता पर बहस क्या हो रही है? आइये जानते हैं…