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Satyapal Malik : इन चार वजहों से केंद्र के निशाने पर हैं पूर्व गवर्नर, CBI छापों के बाद क्या होगा उनका अगला कदम


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Satyapal Malik : इन चार वजहों से केंद्र के निशाने पर हैं पूर्व गवर्नर, CBI छापों के बाद क्या होगा उनका अगला कदम

Satyapal Malik: सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों के लिए सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना का ठेका देने और पनबिजली परियोजना के लिए उन्हें तीन सौ करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी। सीबीआई ने सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना का ठेका देने और पनबिजली परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों से जुड़े मामले में दो एफआईआर दर्ज की थीं...

Satyapal Malik : जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से कई बार पूछताछ करने के बाद बुधवार को सीबीआई ने उनके कई सहायकों के ठिकानों पर दबिश दी है। बुधवार को पूर्व राज्यपाल के साथ रहे चार लोगों ने सीबीआई के समक्ष अपने बयान देने की बात कही है। जांच एजेंसी ने दिल्ली के अलावा जम्मू-कश्मीर में भी रेड की है। सीबीआई रेड पर सत्यपाल मलिक के करीबियों का कहना है, ये सब केंद्र सरकार के इशारे पर हो रहा है। चार बातें हैं, जिसके चलते केंद्र सरकार, पूर्व राज्यपाल और उनके सहायकों को परेशान कर रही है।

मलिक के सहयोगी कंवर सिंह राणा ने बताया, हमें कोई डर नहीं है। हम कहीं नहीं भाग रहे। जांच एजेंसी को पूरा सहयोग दे रहे हैं। कंवर सिंह के अलावा, सुनक बाली, वीरेंद्र राणा और विशाल सहित कुछ लोग, जांच एजेंसी को अपने बयान दे रहे हैं। इस लड़ाई में मलिक साहब पीछे नहीं हटेंगे। जिस व्यक्ति ने खुद किसी मामले की शिकायत की हो, वह केंद्रीय जांच एजेंसी से क्यों घबराएगा।

मलिक ने रोकी थी दो योजनाओं की फाइल

सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों के लिए सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना का ठेका देने और पनबिजली परियोजना के लिए उन्हें तीन सौ करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी। सीबीआई ने सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना का ठेका देने और पनबिजली परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों से जुड़े मामले में दो एफआईआर दर्ज की थीं। मलिक ने खुद अपने एक साक्षात्कार में उक्त योजनाओं की फाइल रोक देने की बात बताई थी। इतना ही नहीं, मलिक ने दावा किया था कि उक्त योजना को पारित कराने के लिए कथित तौर पर आरएसएस-भाजपा से जुड़े राम माधव ने सिफारिश की थी। मलिक के सहयोगियों का कहना है, सीबीआई छापों से वे पीछ नहीं हटने वाले। केंद्र सरकार द्वारा बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई का जवाब देंगे। लोकसभा चुनाव से पहले सत्यपाल मलिक विभिन्न राज्यों का दौरा करेंगे और लोगों के सामने सरकार की पोल खोलेंगे।

क्या यही हैं वे ‘चार’ बातें

मलिक के सहयोगी कंवर सिंह राणा ने बताया, सरकार जानबूझकर परेशान कर रही है। जांच एजेंसी को कहां से दिशा निर्देश मिल रहे हैं, सब लोग जानते हैं। इसमें सीधे तौर पर चार बाते हैं। पहली, मलिक साहब ने किसान आंदोलन में केंद्र सरकार के विपरित जाकर बयान दिए थे। उन्होंने सरकार को आंदोलन के बारे में चेताया था। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के प्रति सत्यपाल मलिक की हमदर्दी से केंद्र सरकार परेशान हो उठी। दूसरी बात, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में दो योजनाओं के कथित घोटाले उजागर कर दिए। भाजपा नेता के दबाव के बावजूद उन्होंने फाइल को पास नहीं किया।

तीसरा, सत्यपाल मलिक ने सार्वजनिक तौर पर पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले को लेकर प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगा दिया था। चौथा, उन्होंने जंतर मंतर पर बैठे पहलवानों के बीच जाकर उन्हें अपना समर्थन दे दिया। बतौर कंवर सिंह राणा, इन्हीं चार बातों को केंद्र सरकार अपने लिए खतरा मान रही है। जम्मू कश्मीर में सत्यपाल मलिक के राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान सुनक बाली ने उनके प्रेस सचिव की जिम्मेदारी संभाली थी। उनका पद अवैतनिक था। अब जांच एजेंसी ने उनके घर पर रेड की है।

पुलवामा हमले को लेकर मलिक ने दिया था ये बयान

2019 में लोकसभा चुनाव से पहले 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। उस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। सत्यपाल मलिक, उस वक्त जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे। मलिक ने एक साक्षात्कार में कहा, प्रधानमंत्री को कश्मीर के बारे में ‘गलत जानकारी’ है। वे वहां से ‘अनभिज्ञ’ हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की चूक के कारण फरवरी 2019 में पुलवामा में जवानों पर घातक हमला हुआ, मुझे (सत्यपाल मलिक) उसके बारे में बोलने से मना किया था। सत्यपाल मलिक ने कहा, सीआरपीएफ ने एयरक्राफ्ट की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विमान देने से इनकार कर दिया था। सड़क मार्ग पर प्रभावी ढंग से सुरक्षा इंतजाम नहीं थे। वह हमला गृह मंत्रालय की ‘अक्षमता और लापरवाही’ का नतीजा था। उस समय राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे। मलिक ने कहा, उन्होंने इन सभी चूकों को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया। पुलवामा हमले के दौरान प्रधानमंत्री कॉर्बेट पार्क में थे। जब पीएम से बात हुई तो उन्होंने इस बारे में चुप रहने और किसी को न बताने के लिए कहा था। एनएसए अजीत डोभाल ने भी उन्हें चुप रहने और इस बारे में बात न करने के लिए कहा। मलिक ने कहा, उन्हें फौरन एहसास हुआ कि यहां इरादा पाकिस्तान पर दोष मढ़ना और सरकार और भाजपा के लिए चुनावी फायदा पाना था।

मलिक के बयान पर गृहमंत्री अमित शाह ने कही ये बात

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सत्यपाल मलिक से सीबीआई पूछताछ को लेकर बड़ा बयान दिया था। गत माह उन्होंने कहा था, इस पूछताछ से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया, जिसे आम जनता से छिपाना पड़े। गृह मंत्री ने कहा, अब कोई व्यक्ति निजी कारणों या राजनीतिक स्वार्थ के लिए कुछ टिप्पणियां करता है, तो उसके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए। ये बात सही नहीं है कि मलिक से केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने की वजह से पूछताछ हो रही है। मेरा सवाल ये है कि जब मलिक राज्यपाल थे, तब उनकी आत्मा क्यों नहीं जागी। ये सभी चीजें सार्वजनिक मंच पर बहस करने की नहीं होती हैं। इसके बाद मलिक ने कहा, मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पापों को उजागर किया है। शायद यही कारण है कि सीबीआई ने मुझे बुलाया है। मैं एक किसान का बेटा हूं, मैं नहीं घबराऊंगा। मैं सच के साथ खड़ा हूं।

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