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Wrestler Protest: ‘बेगुनाह हैं तो नार्को टेस्ट करवा लीजिए…’, पहलवान साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह को दी चुनौती


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Wrestler Protest: ‘बेगुनाह हैं तो नार्को टेस्ट करवा लीजिए…’, पहलवान साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह को दी चुनौती

Wrestler Protest: प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा कि अगर डब्ल्यूएफआई प्रमुख किसी भी तरह से शामिल हैं, तो हम इसका विरोध करेंगे।

Wrestler Protest: रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने बुधवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी चुनौती दे डाली। साक्षी ने कहा कि अगर वह अपनी ईमानदारी के प्रति आश्वस्त हैं तो उनका लाई डिटेक्टर नार्को टेस्ट कराया जाए। उन पर सात पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। विरोध करने वाले पहलवानों ने यह भी कहा है कि अगर बृजभूषण शरण सिंह WFI के कामों में शामिल होंगे तो वे प्रतियोगिताओं के आयोजन का विरोध करेंगे।

साक्षी मलिक ने यह चुनौती जंतर-मंतर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को नार्को टेस्ट लेने की चुनौती देती हूं। हम भी जांच कराने को तैयार हैं। सच्चाई सामने आने दीजिए कि दोषी कौन है और कौन नहीं।

बजरंग पूनिया बोले- पीएम आपकी बेटी सड़क पर

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने यह भी कहा कि मैं प्रधानमंत्री से अपील करना चाहूंगर कि आपका नारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ है, आपने महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम की। मैं अपील करना चाहूंगी कि आपकी बेटी सड़क पर बैठी है। उसे बचाइए। अन्याय हो रहा है।

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी प्रतियोगिताएं आईओए के तदर्थ पैनल के तहत हों। अगर डब्ल्यूएफआई प्रमुख किसी भी तरह से शामिल हैं, तो हम इसका विरोध करेंगे।

23 अप्रैल से धरने पर पहलवान

बता दें कि बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई पहलवान 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि छह महिला पहलवानों और एक नाबालिग ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कनॉट प्लेस में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है। थाने में लेकिन दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने यह भी मांग की कि खेल मंत्रालय निगरानी समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक करे।

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को दो प्राथमिकी दर्ज कीं। इससे पहले जनवरी में पहलवानों ने धरना दिया था। जिसके बाद केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोचों के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक ‘निगरानी समिति’ का गठन किया था।

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