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पिलानी के सीरी में लैंगिक उत्पीड़न निवारण सप्ताह:प्रोफेसर संगीता शर्मा ने दिया व्याखान, समानता के महत्व पर दिया जोर


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पिलानी के सीरी में लैंगिक उत्पीड़न निवारण सप्ताह:प्रोफेसर संगीता शर्मा ने दिया व्याखान, समानता के महत्व पर दिया जोर

पिलानी के सीरी में लैंगिक उत्पीड़न निवारण सप्ताह:प्रोफेसर संगीता शर्मा ने दिया व्याखान, समानता के महत्व पर दिया जोर

पिलानी : पिलानी में सीएसआईआर-सीरी में लैंगिक उत्पीड़न निवारण सप्ताह-2025 का आयोजन किया गया। इस दौरान कर्मचारियों को कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित नियमों और भारत सरकार के उद्देश्यों के प्रति जागरूक करने के लिए एक व्याख्यान आयोजित किया गया।

बिट्स पिलानी के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संगीता शर्मा ने लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर उपयोगी व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के प्रति सम्मान, गरिमा और समानता के महत्व पर जोर दिया।

प्रोफेसर शर्मा ने ‘उत्पीड़न’ शब्द को सरल शब्दों में परिभाषित करते हुए उदाहरणों के साथ समझाया। अपनी विशिष्ट शैली में उन्होंने प्रतिभागियों के साथ चर्चा करते हुए विषय को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने सीएसआईआर–सीरी की आंतरिक शिकायत निवारण समिति (आईसीसी) की भूमिका, दायित्वों और कार्यप्रणाली को भी स्पष्ट किया। प्रोफेसर शर्मा ने कर्मचारियों को समिति से संबंधित प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए, सीएसआईआर–सीरी के निदेशक डॉ. पी. सी. पंचारिया ने कार्यस्थल पर सुरक्षित, सम्मानजनक और समावेशी वातावरण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करना संस्थान की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

डॉ. पंचारिया ने यह भी बताया-इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम संवेदनशीलता बढ़ाने और एक स्वस्थ कार्य संस्कृति विकसित करने में सहायक होते हैं। इससे पूर्व, प्रशासन नियंत्रक मधु रंजन पाण्डेय ने अतिथि का औपचारिक परिचय दिया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन वरिष्ठ हिंदी अधिकारी रमेश बौरा ने किया, जिन्होंने अतिथि वक्ता का स्वागत भी किया।

सक्रिय रूप से चर्चा में लिया हिस्सा

कार्यक्रम के दौरान कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से चर्चा में भाग लिया, जिससे यह अत्यंत जीवंत और सार्थक बन सका। यह पहल कर्मचारियों में जागरूकता बढ़ाने और कार्यस्थल पर सुरक्षित तथा सकारात्मक वातावरण को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध हुई।

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