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खेतड़ीनगर में श्रमिक संगठनों ने किया प्रदर्शन:चार श्रम संहिता कानूनों को वापस लेने की मांग की


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खेतड़ीनगर में श्रमिक संगठनों ने किया प्रदर्शन:चार श्रम संहिता कानूनों को वापस लेने की मांग की

खेतड़ीनगर में श्रमिक संगठनों ने किया प्रदर्शन:चार श्रम संहिता कानूनों को वापस लेने की मांग की

खेतड़ीनगर : खेतड़ीनगर के केटीएसएस कार्यालय में श्रमिक संगठनों ने विरोध दिवस मनाया। यह विरोध केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई चार श्रम संहिताओं को वापस लेने की मांग को लेकर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरीसिंह ने की। यूनियन के महासचिव बिड़दूराम सैनी ने इस अवसर पर कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों की सरकार है, जो उन्हें मुनाफा दिलाने के लिए कर्मचारियों का शोषण कर रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने चार कोड कानून लागू किए हैं, जिनसे कर्मचारियों को काफी नुकसान होगा।

सैनी ने आरोप लगाया कि इन श्रम संहिताओं से केंद्र सरकार ने मालिकों को बहुत मजबूत कर दिया है। पूर्व के श्रम कानूनों में मालिकों पर जो सजाएं थीं, उन्हें हटाकर मजदूरों को कमजोर किया जा रहा है। साथ ही, इन कानूनों को लागू करने वाले प्राधिकारियों की शक्तियों को भी कम कर दिया गया है, जिससे वे सुविधा देने वाले बन गए हैं।

उन्होंने आगे बताया कि मजदूरों के हितों को लेकर की जाने वाली हड़ताल और ट्रेड यूनियनों के अधिकारों को भी कम कर दिया गया है। इससे कर्मचारी अपनी मांगों के लिए लड़ने में असमर्थ हो जाएंगे। सैनी ने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले सौ से अधिक कामगारों पर स्थायी आदेश लागू होते थे, जिन्हें बढ़ाकर अब तीन सौ से अधिक कामगारों पर लागू किया जाएगा।

इसी तरह, मजदूरों की छंटनी, ले-ऑफ और क्लोजर करने के लिए भी कामगारों की संख्या सौ से बढ़ाकर तीन सौ कर दी गई है। मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए बने कई कानूनों को भी काफी कम कर दिया गया है। यूनियन ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार उक्त कानूनों को वापस नहीं लेती है, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्वयं सरकार की होगी। इस दौरान यूनियन सचिव बाबुलाल सैनी, विन्य त्यागी, उम्मेद सिंह मीणा सहित अनेक लोग मौजूद थे।

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