प्रधानों को प्रशासक बनाने से बढ़ेगी विकास की रफ्तार
झुंझुनूं में प्रधान संघ का प्रदर्शन; कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बोले- जल्दी करें कार्रवाई
झुंझुनूं : पंचायत राज संस्थाओं में समानता के सिद्धांत की मांग करते हुए राजस्थान प्रधान संघ ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। संघ ने निवर्तमान प्रधानों को प्रशासक बनाने की मांग उठाई और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि जिस प्रकार ग्राम पंचायतों में निवर्तमान सरपंचों को प्रशासक नियुक्त किया गया है, वहीं व्यवस्था पंचायत समितियों और जिला परिषदों में भी लागू होनी चाहिए, जिससे प्रशासनिक निरंतरता बनी रहे और विकास कार्य न रुकें।
समानता के सिद्धांत पर आधारित मांग
प्रधान संघ के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में कहा कि यह मांग राजस्थान पंचायत राज अधिनियम 1994 और राजस्थान पंचायत राज नियम 1996 के तहत संचालित त्रि-स्तरीय व्यवस्था में समानता लाने के लिए की जा रही है। प्रदेशाध्यक्ष दिनेश सूंडा ने बताया- राज्य की कई ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद चुनाव नहीं हो पाए। ऐसे में राज्य सरकार ने अधिनियम की धारा 95 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर निवर्तमान सरपंचों को प्रशासक और वार्ड पंचों को प्रशासकीय समिति का सदस्य नियुक्त किया है। सूंडा ने कहा कि जब ग्राम पंचायतें, पंचायत समितियां और जिला परिषदें एक ही अधिनियम के अंतर्गत आती हैं, तो पंचायत समितियों और जिला परिषदों के कार्यकाल समाप्त होने पर अलग व्यवस्था रखना न्यायसंगत नहीं होगा।
विकास कार्यों की निरंतरता का तर्क
प्रधान संघ का कहना है कि पंचायत राज प्रणाली में प्रधान और समिति सदस्य ही जमीनी स्तर पर योजनाओं और विकास कार्यों की वास्तविक जानकारी रखते हैं। प्रधानों ने चेतावनी दी कि यदि स्थानीय प्रशासनिक नेतृत्व के बिना पंचायत समितियों को छोड़ा गया, तो विकास कार्य ठप पड़ जाएंगे और ग्रामीण जनता को सीधा नुकसान होगा। नवलगढ़ प्रधान और प्रदेशाध्यक्ष दिनेश सूंडा ने कहा कि निवर्तमान प्रधानों की प्रशासक के तौर पर नियुक्ति से प्रशासनिक कार्य सुचारु रहेंगे और सरकारी योजनाएं बाधित नहीं होंगी।
मांग पूरी न होने पर प्रदेशभर में आंदोलन की चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान प्रधानों ने राज्य सरकार से जल्द निर्णय लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रशासक की नियुक्ति से जनकल्याण योजनाओं में पारदर्शिता बनी रहेगी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान होगा। अधिनियम की धारा 95 का हवाला देते हुए संघ ने आग्रह किया कि सरकार इस अधिकार का प्रयोग कर ग्राम पंचायतों की तरह ही पंचायत समितियों में भी अंतरिम व्यवस्था लागू करें, ताकि निर्वाचित निकायों का कार्यकाल समाप्त होने और नए चुनाव होने के बीच प्रशासनिक खालीपन न रहे। प्रधानों ने चेतावनी दी कि यदि इस विषय में सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो राज्यभर का प्रधान संघ व्यापक आंदोलन करेगा।
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