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‘वंदे मातरम् गीत नहीं, आजादी की लड़ाई का संग्राम है’:भाजपा जिलाध्यक्ष बोलीं- इससे स्वराज्य का सपना जगा था; अस्पताल में प्रदर्शनी भी लगाई


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‘वंदे मातरम् गीत नहीं, आजादी की लड़ाई का संग्राम है’:भाजपा जिलाध्यक्ष बोलीं- इससे स्वराज्य का सपना जगा था; अस्पताल में प्रदर्शनी भी लगाई

'वंदे मातरम् गीत नहीं, आजादी की लड़ाई का संग्राम है':भाजपा जिलाध्यक्ष बोलीं- इससे स्वराज्य का सपना जगा था; अस्पताल में प्रदर्शनी भी लगाई

झुंझुनूं : वंदे मातरम् की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में झुंझुनूं में दो दिवसीय जनजागरूकता कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। कार्यक्रमों की शुरुआत जिले के बीडीके अस्पताल परिसर में रक्तदान शिविर से की गई। शिविर का शुभारंभ जिला प्रमुख एवं भाजपा जिलाध्यक्ष हर्षिनी कुलहरि और जिला कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। इस दौरान चिकित्सा विभाग, प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।

बोलीं- यह स्वतंत्रता संग्राम का प्राण था

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान और ‘वंदे मातरम्’ के सामूहिक गान से हुई। पूरे माहौल में देशभक्ति का उत्साह और श्रद्धा झलक रही थी। हर्षिनी कुलहरि ने कहा कि “वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम का प्राण था। यह गीत वह स्वर था जिसने लाखों लोगों में स्वराज का सपना जगाया। उन्होंने कहा कि इसके 150 वर्ष पूरे होने का यह अवसर हमें अपने देश, समाज और संस्कृति के प्रति नए सिरे से सोचने और योगदान देने का संदेश देता है।

बीडीके अस्पताल में हुआ रक्तदान शिविर का आयोजन
बीडीके अस्पताल में हुआ रक्तदान शिविर का आयोजन

उन्होंने कहा कि राष्ट्रसेवा केवल शब्दों में नहीं, कर्मों में दिखाई देनी चाहिए। रक्तदान जैसी छोटी पहल भी किसी का जीवन बचाकर सच्ची देशभक्ति का परिचय देती है। कुलहरि ने जिले के युवाओं, छात्र संगठनों और महिला मंडलों से आह्वान किया कि वे इस अभियान से जुड़कर समाजहित के कार्यों में योगदान दें।

कलेक्टर बोले- मां तुझे नमन

कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने कहा कि यह आयोजन केवल स्मरण मात्र नहीं है, बल्कि यह ‘राष्ट्र जागरण’ का अवसर है। “वंदे मातरम्” का अर्थ ही है – ‘मां, तुझे नमन’। मातृभूमि की सेवा का सबसे श्रेष्ठ तरीका समाजहित के कार्यों में भागीदारी है। उन्होंने कहा कि झुंझुनूं जैसे वीरों की धरती से यह संदेश पूरे प्रदेश में जाएगा कि राष्ट्रप्रेम केवल भावना नहीं, बल्कि जीवनशैली होनी चाहिए।

इससे स्वराज्य का सपना जगा था; अस्पताल में प्रदर्शनी भी लगाई
इससे स्वराज्य का सपना जगा था; अस्पताल में प्रदर्शनी भी लगाई

डॉ. गर्ग ने बताया कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर जिले में दो दिनों तक कई जनजागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें स्कूल-कॉलेजों में देशभक्ति निबंध प्रतियोगिता, जनपथ पर देशभक्ति रैली, ‘वंदे मातरम्’ समूहगान और सांस्कृतिक संध्या जैसे कार्यक्रम शामिल रहेंगे। साथ ही रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य जांच शिविर और स्वच्छता जागरूकता अभियान भी आयोजित किए जाएंगे।

प्रदर्शनी भी लगाई

कार्यक्रम के दौरान ‘वंदे मातरम्’ की ऐतिहासिक यात्रा पर एक संक्षिप्त प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें रचनाकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के जीवन, उनके साहित्यिक योगदान और स्वतंत्रता संग्राम में इस गीत की भूमिका को चित्रों और लेखों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।महिला स्वयंसेवी समूहों ने भी शिविर में सक्रिय भूमिका निभाई। जिला प्रमुख कुलहरि ने स्वयं रक्तदान कर कार्यक्रम की मिसाल पेश की। उन्होंने कहा कि मातृभूमि के लिए रक्तदान करना ‘वंदे मातरम्’ की भावना का वास्तविक सम्मान है।

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