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महिला प्रिंसिपल को बड़ी राहत:राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाकरा की प्रिंसीपल के तबादले पर लगाई रोक, अपील अधिकरण ने शिक्षा विभाग से मांगा जवाब


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महिला प्रिंसिपल को बड़ी राहत:राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाकरा की प्रिंसीपल के तबादले पर लगाई रोक, अपील अधिकरण ने शिक्षा विभाग से मांगा जवाब

महिला प्रिंसिपल को बड़ी राहत:राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाकरा की प्रिंसीपल के तबादले पर लगाई रोक, अपील अधिकरण ने शिक्षा विभाग से मांगा जवाब

झुंझुनूं : राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाकरा की प्रधानाचार्य रीचा भूरिया के स्थानांतरण आदेश पर अपील अधिकरण ने फिलहाल रोक लगा दी है। अधिकरण ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की व्यक्तिगत परिस्थितियों, सेवा अवधि और बच्चे की कम उम्र को ध्यान में रखते हुए यह अंतरिम राहत दी है। इससे अब तक रीचा भूरिया बाकरा विद्यालय में ही कार्यरत रहेंगी।

रीचा भूरिया का हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा बाकरा से सीकर जिले के बादूसर स्थित राजकीय विद्यालय में स्थानांतरण आदेश जारी किया गया था। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने अपने अधिवक्ता संजीव महला के माध्यम से राजस्थान शिक्षा सेवा अपील अधिकरण, जयपुर में याचिका दायर की थी।

याचिका में अधिवक्ता संजीव महला ने अपील अधिकरण के समक्ष यह दलील दी कि प्रार्थी रीचा भूरिया एक महिला प्रधानाचार्य हैं, जो वर्तमान में झुंझुनूं जिले के ग्राम बाकरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रार्थी ने विद्यालय में तीन वर्ष से अधिक अवधि तक निष्ठा पूर्वक सेवाएं दी हैं और उनके विरुद्ध कोई सेवा दोष या विभागीय कार्रवाई लंबित नहीं है।

अधिवक्ता ने कहा कि शिक्षा विभाग ने बिना किसी तर्कसंगत कारण या प्रशासनिक आवश्यकता के प्रार्थी को बाकरा से सीकर जिले के बादूसर स्थानांतरित कर दिया, जबकि यह स्थानांतरण न केवल सेवा हित में अनुचित है बल्कि मानवीय दृष्टि से भी अन्यायपूर्ण है।

याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि प्रार्थी का एक पांच वर्ष से कम उम्र का बच्चा है, जिसकी देखभाल और परवरिश की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर है। ऐसे में उन्हें घर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित नए कार्यस्थल पर पदस्थापित करना पारिवारिक दृष्टि से अत्यंत कठिनाईपूर्ण होगा।

अधिवक्ता महला ने दलील दी कि राजस्थान सरकार द्वारा भी समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि महिला कर्मचारियों, विशेषकर छोटे बच्चों की माताओं के तबादले करते समय उनकी पारिवारिक परिस्थितियों और सामाजिक जिम्मेदारियों का समुचित ध्यान रखा जाए।

उन्होंने कहा कि रीचा भूरिया ने बाकरा विद्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षण गुणवत्ता, छात्र उपस्थिति और परीक्षा परिणामों में उल्लेखनीय सुधार किया है। विद्यालय के शिक्षकों और अभिभावकों ने भी उनके कार्य से संतुष्टि जताई है। विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई है।

अपील अधिकरण ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम आदेश पारित करते हुए स्थानांतरण पर रोक लगा दी। अधिकरण ने यह माना कि प्रार्थी की ओर से उठाए गए बिंदु प्रथम दृष्टया गंभीर हैं और मामले की विस्तृत सुनवाई के बिना तबादले का क्रियान्वयन न्यायसंगत नहीं होगा।

अधिकरण ने शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है कि किन परिस्थितियों में तीन वर्ष की सेवा पूर्ण होने के बाद भी महिला प्रधानाचार्य को दूरस्थ क्षेत्र में भेजा गया, जबकि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार महिलाओं के तबादलों में विशेष विचार किया जाना आवश्यक है।

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