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मुंबई से घर लौट रहे 60 वर्षीय बुजुर्ग की ट्रेन में तबीयत बिगड़ी


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मुंबई से घर लौट रहे 60 वर्षीय बुजुर्ग की ट्रेन में तबीयत बिगड़ी

घर जाने की बजाय पहुंचे अस्पताल, डॉक्टरों ने इमरजेंसी में ऑपरेशन कर बचाई जान

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान

चूरू : मुंबई से घर लौट रहे 60 वर्षीय बुजुर्ग की ट्रेन में अचानक तबीयत बिगड़ गई। चूरू पहुंचने पर वे घर जाने की बजाय सीधे डीबी अस्पताल पहुंचे, जहां जांच में उनके लीवर में करीब 400 एमएल मवाद भरी मिली। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एम.एम. पुकार ने इमरजेंसी में ऑपरेशन कर उनकी जान बचाई। फिलहाल बुजुर्ग आईसीयू वार्ड में भर्ती हैं और उनकी हालत में सुधार है।

ट्रेन से उतरते ही पहुंचा अस्पताल

डॉ. पुकार ने बताया कि रतननगर निवासी 60 वर्षीय उम्मेद मुंबई में रहते हैं। 24 अक्टूबर को वे ट्रेन से घर लौट रहे थे। रास्ते में उन्हें तेज पेट दर्द और बुखार हो गया। हालत बिगड़ने पर चूरू पहुंचते ही वे सीधे डीबी अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी स्टाफ ने तुरंत सूचना मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. पुकार को दी, जो तत्काल अस्पताल पहुंचे और सभी जांचें करवाने के निर्देश दिए।

जांच में निकला बड़ा कारण

25 अक्टूबर की सुबह रिपोर्ट में पता चला कि बुजुर्ग के लीवर में मवाद तेजी से बढ़ रही थी, जिससे पेट में सूजन और तेज दर्द हो गया था। स्थिति गंभीर होने पर डॉ. पुकार ने तत्काल इमरजेंसी ऑपरेशन का निर्णय लिया। करीब एक घंटे तक चले इस जटिल ऑपरेशन के बाद अब मरीज की स्थिति सामान्य है।

ऑपरेशन टीम ने निभाई अहम भूमिका

ऑपरेशन टीम में डॉ. एम.एम. पुकार, डॉ. गजानंद रसगनिया, डॉ. रूपल कुमावत, एनेस्थेटिस्ट डॉ. आकांक्षा, डॉ. सुमन भड़िया, नर्सिंग ऑफिसर अनु और देवीदान शामिल थे।

निशुल्क हुआ उपचार, मरीज को मिली राहत

डॉ. पुकार ने बताया कि डीबी अस्पताल में यह ऑपरेशन पूरी तरह निशुल्क हुआ। निजी अस्पताल में ऐसे ऑपरेशन का खर्च लगभग दो लाख रुपये तक आता है।

मेडिकल कॉलेज में बढ़ रही सुविधाएं

गौरतलब है कि डॉ. एम.एम. पुकार के मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल बनने के बाद चूरू में जटिल सर्जरी नियमित रूप से की जा रही हैं। अस्पताल की सफाई, प्रबंधन और चिकित्सा सेवाओं में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पहले जिन रोगियों को बड़े ऑपरेशन के लिए जयपुर या बीकानेर जाना पड़ता था, अब वे सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हैं।

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