[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

झुंझुनूं में 533 में से 110 सैंपल सब-स्टैंडर्ड और अनसेफ:मावा और मिल्क प्रोडक्ट की जांच की; DFSO बोले- कड़ी कार्रवाई करेंगे


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

झुंझुनूं में 533 में से 110 सैंपल सब-स्टैंडर्ड और अनसेफ:मावा और मिल्क प्रोडक्ट की जांच की; DFSO बोले- कड़ी कार्रवाई करेंगे

झुंझुनूं में 533 में से 110 सैंपल सब-स्टैंडर्ड और अनसेफ:मावा और मिल्क प्रोडक्ट की जांच की; DFSO बोले- कड़ी कार्रवाई करेंगे

झुंझुनूं : दीपावली और अन्य त्योहारों के नजदीक आते ही झुंझुनूं जिले के बाजारों में मिठाई और नमकीन की दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। हालांकि, खपत में इस बढ़ोतरी के बीच जिले की खाद्य सुरक्षा की स्थिति गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। इस साल 2025 में अब तक खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लिए गए कुल 533 सैंपलों में से 110 सैंपल अमानक पाए गए हैं। पिछले साल (2024) पूरे वर्ष में 552 सैंपल लिए गए थे, जिनमें 129 अमानक थे। आंकड़ों से स्पष्ट है कि सैंपलिंग की संख्या लगभग समान रहने के बावजूद अमानक खाद्य पदार्थों का मिलना लगातार जारी है।

जिला फूड सेफ्टी ऑफिसर (DFSO) महेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि इस साल अब तक अमानक पाए गए 110 सैंपलों में 90 ‘सब-स्टैंडर्ड’ (गुणवत्ता में कम), 8 ‘अनसेफ’ (असुरक्षित) और 12 अन्य श्रेणियों के सैंपल शामिल हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि सब-स्टैंडर्ड उत्पाद दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जबकि अनसेफ सैंपल तत्काल स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकते हैं। पिछले साल 129 अमानक सैंपलों में 117 सब-स्टैंडर्ड, 4 अनसेफ और 8 अन्य श्रेणियों के थे। विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, सबसे अधिक मिलावट मिठाइयों, मावा और दुग्ध उत्पादों में पाई गई है, जिनकी खपत त्योहारों के दौरान सबसे ज्यादा होती है।

राजस्व वसूली में भारी गिरावट

जहां एक ओर अमानक उत्पादों की भरमार है, वहीं दूसरी ओर विभाग की कार्रवाई की गति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस साल अमानक सैंपलों के खिलाफ कार्रवाई काफी ढीली रही है। पिछले साल विभाग ने 53.34 लाख रुपए का भारी राजस्व वसूला था, जबकि 2025 में अब तक केवल 5.20 लाख रुपए ही वसूले गए हैं। इस भारी गिरावट का मुख्य कारण कार्रवाई की धीमी गति और जुर्माने वसूलने में देरी है। कई मामलों में केवल नोटिस जारी करके दुकानदारों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। डीएफएसओ का कहना है कि सैंपलिंग के बाद जांच प्रक्रिया धीमी होने के कारण तुरंत कार्रवाई नहीं हो पाती, जिससे मिलावटखोरों को फायदा होता है।

त्योहारों पर विशेष निगरानी की तैयारी

महेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि विभाग अब सैंपलिंग अभियान को तेज करने और अमानक उत्पादों की पहचान के लिए विशेष टीमों का गठन कर रहा है। त्योहारों के दौरान विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें मिठाई और नमकीन की दुकानों पर निरीक्षण बढ़ाया जाएगा और संदिग्ध उत्पादों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले के सभी शहरों और कस्बों में टीमें गठित की गई हैं।

दुकानदारों को चेतावनी, नागरिकों से अपील

डीएफएसओ ने सभी दुकानदारों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे सभी खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें और केवल प्रमाणित सामग्री का ही उपयोग करें। उन्होंने चेतावनी दी कि मिठाई और मावा जैसी वस्तुओं में मिलावट का सबसे बड़ा कारण उच्च कीमत और कम गुणवत्ता वाले कच्चे माल का उपयोग है, जिस पर अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles