बैंक का नाम बदला, पर उपभोक्ता अब भी पुरानी पासबुकों में ही ले रहे हैं इंट्री
बैंक का नाम बदला, पर उपभोक्ता अब भी पुरानी पासबुकों में ही ले रहे हैं इंट्री

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : लगभग छह महीने 1 मई 2025 को प्रदेश में बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और मरुधरा ग्रामीण बैंक का विलय कर राजस्थान ग्रामीण बैंक के नाम से नया बैंक गठित किया गया था। सरकार और बैंक प्रबंधन की इस प्रक्रिया के बाद सभी शाखाओं में नए नाम से कार्य आरंभ करने की औपचारिक घोषणा भी की जा चुकी है।लेकिन जमीनी स्तर पर अब भी कई शाखाओं में व्यवस्था पूरी तरह से अपडेट नहीं हो पाई है। बुगाला शाखा में उपभोक्ताओं को अब तक नई पासबुकें उपलब्ध नहीं करवाई गई हैं। उपभोक्ताओं ने बताया कि बैंक का नाम तो बदल गया है, परंतु शाखा में पुरानी पासबुकों में ही लेन-देन की इंट्री की जा रही है। वे नया बैंक बनने के बाद नई पासबुक की उम्मीद कर रहे थे ताकि खाते की जानकारी और नए नाम का रिकॉर्ड सही तरीके से दर्ज हो सके। लेकिन अब तक उन्हें पुरानी बुक में ही एंट्री दी जा रही है।
बैंक कर्मियों के अनुसार नई पासबुकें मुख्य कार्यालय से छपकर आने में देरी हो रही है। जैसे ही नई पासबुकें शाखा में पहुंचेंगी, उपभोक्ताओं को तुरंत जारी कर दी जाएंगी। इस बीच, ग्राहकों का कहना है कि बैंक के नाम और कोड में परिवर्तन के बाद पुरानी पासबुक में एंट्री होने से भविष्य में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, इसलिए बैंक प्रबंधन को जल्द से जल्द नई पासबुकें उपलब्ध करानी चाहिए।