[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

दुर्गाष्टमी पर स्वामी विवेकानंद ने की थी, मुस्लिम बच्ची की पूजा


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
खेतड़ीझुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

दुर्गाष्टमी पर स्वामी विवेकानंद ने की थी, मुस्लिम बच्ची की पूजा

127 साल पहले मां खीर भवानी मंदिर में देवी दुर्गा के रुप में पूजा

खेतड़ी : भारत माता के सबसे आध्यात्मिक रुप से विकसित पुत्रों में से एक स्वामी विवेकानंद ने राजकीय अतिथि के रुप में दो बार – 1897 और 1898 में कश्मीर का दौरा किया। 30 सितम्बर,1898 को वह कश्मीर में मां खीर भवानी मंदिर में रुके और वंहा दुर्गा पूजा के दौरान दुर्गाष्टमी पर कुमारी पूजा करने का फैसला किया। डॉ. जुल्फिकार भीमसर युवा लेखक व चिन्तक के अनुसार उन्होंने एक मुस्लिम नाविक से अनुरोध किया कि वह उसे अपनी छोटी बेटी की पूजा करने की अनुमति दे ताकि वह उस शुभ दिन पर कुमारी पूजा कर सके। मुस्लिम नाविक अभिभूत हो गया। उसने सोचा जैसे भगवान स्वामीजी के माध्यम से उससे पूछ रहे हैं और तुरन्त सहमत हो गए। तब स्वामी विवेकानंद ने न केवल मुस्लिम लड़की की पूजा की। बल्कि अनुष्ठान के तहत पैर छूने के लिए भी झुके। स्वामीजी मां खीर भवानी मंदिर में प्रतिदिन पूजा करते थे और माता को एक मन ( लगभग 37 किलो दूध ) चावल और बादाम भी चढ़ाते थे।

दो साल पहले भी हुई थी एक मुस्लिम लड़की की पूजा : कोलकाता शहर के न्यू टाउन में दो साल पहले भी दुर्गा पूजा में दुर्गाष्टमी के दिन होने वाली कुमारी पूजा के लिए एक 8 साल की मुस्लिम बच्ची का चयन किया गया था, जिसका नाम नफीसा था नफीसा पाथुरियाघाटा इलाके की रहने वाली थी इससे पहले आमतौर पर दुर्गाष्टमी की पूजा के लिए किसी ब्राह्मण परिवार की कुमारी लड़की का चयन किया जाता था और यह भी ध्यान रखा जाता था कि लड़की की उम्र 12 साल से कम हो। दो साल पहले देश में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देने के लिए मुस्लिम बच्ची का चयन किया गया था। इससे पहले स्वामी विवेकानंद ने सदी भर पहले जो संदेश दिया उससे प्रेरणा लेकर यह कदम उठाया गया था |

कई मुस्लिम परिवार लेते हैं पूजा में हिस्सा : पहले भी कई मुस्लिम परिवारों ने दुर्गा पूजा में सक्रिय रुप से भाग लिया है। लेकिन यही पहली बार था कि एक मुस्लिम समुदाय की लड़की को देवी के रूप में पूजा की जा रही थी। किसी छोटी लड़की को देवी मानकर उसकी पूजा करना भी अष्टमी पूजा का ही एक हिस्सा है। श्री रामकृष्ण परमहंस ने कहा है कि देवी मां स्वयं को शुद्ध ह्रदय वाली लड़की में अधिक प्रकट करती है और इसलिए कुमारी पूजा की जाती है। वो छोटी लड़कीयो को दिव्य मां का स्वरूप मानकर उनके सामने झुकते थे।

विवेकानंद से है प्रेरित : स्वामी विवेकानंद के 127 साल पहले दिये गये संदेश को दोहराने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि दुर्गा पूजा और नवरात्रि के दौरान देशभर के कई मन्दिरों और घरों में कुमारी पूजा की जाती है, लेकिन हाल के इतिहास में किसी भी परिवार ने मुस्लिम लड़की की पूजा नहीं की।

एक्सपर्ट व्यू 

स्वामी विवेकानंद ने श्रीनगर के मां खीर भवानी मंदिर से दुर्गाष्टमी के दिन सांप्रदायिक सौहार्द का जो संदेश दिया था वो आज भी कोलकाता दुर्गा पूजा में हिन्दू – मुस्लिम एकता की मिसाल बना हुआ है। – डॉ. जुल्फिकार, भीमसर युवा लेखक व चिन्तक

Related Articles