दांता में 63वां शैक्षिक सम्मेलन:हजारों शिक्षक जुटे, सार्वजनिक शिक्षा की मजबूती और निजीकरण पर हुआ मंथन
दांता में 63वां शैक्षिक सम्मेलन:हजारों शिक्षक जुटे, सार्वजनिक शिक्षा की मजबूती और निजीकरण पर हुआ मंथन

सीकर : राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) सीकर का 63वां जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन शुक्रवार को दांता के श्री करणी कोट धाम में शुरू हुआ। इस दो दिवसीय सम्मेलन में दो हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया, जहां सार्वजनिक शिक्षा की मजबूती और सुरक्षा पर गहन मंथन किया गया।
सम्मेलन का आगाज झंडा रोहण और शहीदों को पुष्प अर्पित कर किया गया। स्व. बिशनसिंह शेखावत मंच पर जिला अध्यक्ष विनोद पूनिया और कार्यकारी अध्यक्ष नागर मल गढ़वाल की अध्यक्षता में सीकर सांसद अमराराम, दांतारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह, राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. विशाल विक्रम, प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
जिला मंत्री फारूक अली खान ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए संगठन के संघर्ष और सरकारी नीतियों के कारण सरकारी स्कूलों की वर्तमान स्थिति का विस्तृत विवरण दिया। सम्मेलन संयोजक बसंत शर्मा ने अतिथियों और उपस्थित शिक्षकों का स्वागत किया।
सांसद अमराराम ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए सरकारी स्कूलों की खराब स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने शिक्षक संगठनों से गरीब विद्यार्थियों के हित में आवाज उठाने का आह्वान किया। विधायक वीरेंद्र सिंह ने शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए सरकारी स्कूलों के हित में हर संघर्ष में साथ मिलकर काम करने का विश्वास दिलाया।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर विशाल विक्रम ने शिक्षा के सामाजिक संदर्भ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षा का घटता बजट और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पिछले दरवाजे से शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, जिससे वंचित वर्ग और स्त्री शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

महिला जिला अध्यक्ष संतोष ढाका ने महिला शिक्षिकाओं को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति दिलाने और संघर्ष में सक्रिय सहभागिता का आह्वान किया। प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को डराने वाले आदेशों की निंदा करते हुए सार्वजनिक शिक्षा के हित में स्कूलों में मोबाइल फोन प्रतिबंधित करने की मांग की।
सम्मेलन के दौरान शिक्षकों की टीम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। इस दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन में कुल दो हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।