गुढ़ागौड़जी में युवती के मर्डर मामले में परिजनों-प्रशासन में सहमति:मेडिकल बोर्ड से हुआ पोस्टमार्टम, पुलिस ने 1 आरोपी डिटेन किया
गुढ़ागौड़जी में युवती के मर्डर मामले में परिजनों-प्रशासन में सहमति:मेडिकल बोर्ड से हुआ पोस्टमार्टम, पुलिस ने 1 आरोपी डिटेन किया
गुढ़ागौड़जी : झुंझुनूं जिले के गुढ़ागौड़जी क्षेत्र की कानिका की ढाणी में 19 वर्षीय युवती टीना मेघवाल की हत्या प्रशासन और परिजन में सहमति बन गई। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन और ग्रामीण 3 दिनों से अस्पताल में धरने पर बैठे थे। परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था और पुलिस प्रशासन के साथ लगातार बातचीत चल रही थी। आखिरकार चौथे दिन संघर्ष समिति और पुलिस प्रशासन के बीच सहमति बन सकी, जिसके बाद मृतका का पोस्टमॉर्टम मेडिकल बोर्ड से करवाया गया।
परिजनों की मांगें और प्रशासनिक सहमति
टीना मेघवाल की संदिग्ध हालात में हुई हत्या के बाद परिजनों ने स्पष्ट मांग रखी थी कि शव का पोस्टमॉर्टम सामान्य तरीके से नहीं, बल्कि मेडिकल बोर्ड से कराया जाए। साथ ही आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। परिजनों और ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने वार्ता की कई कोशिशें कीं, लेकिन पहले तीन दिन तक सहमति नहीं बन पाई। गुरुवार को जिला व पुलिस प्रशासन ने संघर्ष समिति से एक बार फिर वार्ता की। इस दौरान बीडीके अस्पताल से आए मेडिकल बोर्ड की टीम को गुढ़ागौड़जी बुलाया गया। मेडिकल बोर्ड ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमॉर्टम किया। इसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने पर सहमति दी।

अस्पताल और थाने का घेराव
मामले की गंभीरता इस कदर बढ़ गई थी कि चौथे दिन भी संघर्ष समिति के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गुढ़ागौड़जी अस्पताल और थाने का घेराव किया। बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना था कि यदि समय पर कार्रवाई होती तो आरोपी पुलिस गिरफ्त में होता। स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए गुढ़ागौड़जी अस्पताल और आसपास के इलाके में भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। आखिरकार प्रशासन ने सभी प्रमुख मांगें मान लीं।
पुलिस ने आरोपी को किया डिटेन
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को डिटेन कर लिया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर नाम उजागर नहीं किया गया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से पहले ही दबाव बना कर उसे हिरासत में लिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है और सभी पहलुओं पर गंभीरता से पड़ताल की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद हत्या की गुत्थी और साफ होगी।

क्षेत्र में गुस्सा और आक्रोश
ग्रामीण लगातार इस घटना को लेकर न्याय की मांग कर रहे थे। चौथे दिन बनी सहमति के बाद ही स्थिति कुछ हद तक सामान्य हो सकी। गांव के लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं है, बल्कि समाज की बेटियों की सुरक्षा का प्रश्न है। यदि दोषियों को सख्त सजा नहीं मिली तो ऐसे अपराधों पर रोक लगाना मुश्किल होगा।
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