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राजकीय बीडीके अस्पताल में आत्महत्या रोकथाम दिवस पर संगोष्ठी


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राजकीय बीडीके अस्पताल में आत्महत्या रोकथाम दिवस पर संगोष्ठी

राजकीय बीडीके अस्पताल में आत्महत्या रोकथाम दिवस पर संगोष्ठी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल

झुंझुनूं : जिले के सबसे बड़े राजकीय बीडीके अस्पताल झुंझुनूं मे विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। एडीजे महेंद्र सोलंकी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। पीएमओ डॉ. जितेन्द्र भाम्बू ने अध्यक्षता की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कपूर थालौर ने किया।

एडीजे महेंद्र सोलंकी ने बताया कि विद्यार्थीयों को पढ़ाई का अत्यधिक तनाव नहीं लेते हुए अध्ययन करना चाहिए एवं अपने साथियों के साथ परस्पर बातचीत करते रहना चाहिए। बच्चों को चाईल्ड हेल्पलाइन 1098 के बारे में विस्तारपूर्वक प्रश्नोतरी द्वारा समझाया गया। मूल अधिकारों एवं विधिक अधिकारों का व्याख्यान देते हुए जीने का अधिकार की महत्ता बताई गई। बच्चों को अनजान अथवा किसी से विचित्र बातचीत के बारे में परिवारजनों व हेल्पलाइन से मदद लेनी चाहिए जिससे समय पर समाधान किया जा सके। असफलताएं जीवन में अनुभव का निर्माण करती है जो स्थायी सफलता की ओर ले जाती है।

पीएमओ डॉ जितेन्द्र भाम्बू ने बताया कि घटता परिवारों का आकार, वास्तविक दोस्तों की कमीं और सोशल मीडिया दोस्तों की बढ़ोतरी, चुपचाप रहना, बाहरी दुनिया से अलगाव जैसे वातावरण में बदलाव की आवश्यकता है। ग्रामीण परिवेश का वातावरण मानसिक स्वास्थ्य के खुला, सहयोगात्मक,भावनाओ को बाह्य परिदृश्य में प्रतिबिंबित करने वाला रहता है। परस्पर मित्रता, भावनात्मक जिम्मेदारी, पारिवारिक सहयोग नितांत आवश्यक है।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ कपूर थालौर ने बताया कि मानसिक अवसाद के विचार अल्प समय के लिए आते हैं। इस समय में ट्रिगर से दूर रहने पर बचा जा सकता है ‌। युवाओं में स्वस्थ खान-पान,सही आदतें,सही संस्कार अति आवश्यक है। मानसिक स्वास्थ्य के बारे ग़लत अवधारणाओं की बजाय सही समय पर उपचार लेना आवश्यक है। इस वर्ष की थीम “आत्महत्या की अवधारणा को बदलना” रखा गया है।

इस दौरान नर्सिंग ट्यूटर अजंना चौधरी ने विचार व्यक्त किए एवं विद्यार्थियों के संदेह को स्पष्ट किया गया। नर्सिंग विद्यार्थी जितेन्द्र शर्मा ने गीत के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता बताई। इस दौरान आरएमओ डॉ. सिद्धार्थ शर्मा, डॉ विजय झाझडिया, डॉ आबिदा खान, मंजू कटारिया, सुमन ओला, सरिता सैनी, पूनम डांगी व पूनम भास्कर उपस्थित रहे।

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