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सीआई ने सुबह मंदिर की नींव रखवाई, दोपहर में नींव को भरवा दिया, बोले-पता नहीं था भूमि पुलिस की है


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सीआई ने सुबह मंदिर की नींव रखवाई, दोपहर में नींव को भरवा दिया, बोले-पता नहीं था भूमि पुलिस की है

सीआई की मौजूदगी में रखी गई आधारशिला, बाद में सरकारी सम्पति बता जगह करवाई समतल

चिड़ावा : शहर में शनिवार को पुलिस थाने के प्रवेश द्वार के ठीक सामने हुआ भूमि पूजन का कार्यक्रम चर्चा का विषय बन गया। किराना व्यवसायी भामाशाह महेश मोदी ने पुलिस थाने के सामने राम दरबार मंदिर बनवाने के लिए सुबह भूमि पूजन किया था। इसमें चिड़ावा सीआई आशाराम गुर्जर भी शामिल हुए। उन्होंने ही भामाशाह मोदी के साथ मिलकर पूजन में भाग लिया और मंदिर की नींव रखी। मंदिर के निर्माण पर करीब 20 लाख रुपए खर्च होने थे।

मंदिर की नींव सुबह करीब 10:15 बजे रखी गई। लेकिन इसके कुछ देर बाद ही शहर में मंदिर की नींव रखने का मामला चर्चा का विषय बन गया। लोगों का कहना था कि सीआई ने जिस जगह मंदिर की नींव रखी है, वह दरअसल पुलिस थाने की ही जमीन है। तब सीआई ने जमीन के मालिकाना हक के रिकॉर्ड की जांच करवाई तो भूमि पुलिस थाने की ही निकली। आखिर पुलिस ने सुबह नींव रखने के लिए खोदे गई जमीन को समतल करवा दिया और जिस जगह नींव रखी थी, उस गड्ढे को भरवा दिया।

रियासतकालीन गढ़ में ही संचालित है पुलिस थाना

282 साल पुराना है गढ़वाला बालाजी: क्षेत्र के इतिहास की जानकारी रखने वाले रिटायर्ड पालिकाकर्मी मोतीलाल लाटा ने बताया कि पुलिस थाने के ठीक सामने बने मंदिर में 282 साल पहले खेतड़ी महाराज भोपालसिंह ने गढ़ (वर्तमान पुलिस थाना) बनवाने से पहले बालाजी की प्रतिमा स्थापित करवाई थी। विक्रम संवत 1800 में मंदिर बनने के बाद जोहड़ की मिट्टी से गढ़ बनवाया गया। जिसके चारों दिशाओं में बुर्ज भी थे। नगरपालिका में इसका पूरा रिकॉर्ड है। बाद में यह भूमि पुलिस थाने के लिए आवंटित कर दी गई थी। इसके बावजूद खाली पड़ी भूमि पर धीरे-धीरे कब्जे हो गए।

कार्यक्रम के एक दिन पूर्व शुक्रवार को ही भामाशाह परिवार ने थानाधिकारी आसाराम गुर्जर को कार्यक्रम का निमंत्रण दिया था। शुक्रवार को ही प्रस्तावित जगह पर जेसीबी लगाकर काम करवाया गया था। सीआई जमीन के मालिकाना हक को लेकर अनभिज्ञ थे। जब शहर में यह चर्चा का विषय बना तो उन्होंने रिकॉर्ड की जांच करवाई। तब हकीकत पता चली। इसके बाद जेसीबी बुलवाकर नींव स्थल को मिट्टी से वापस भरवा दिया। उसे कंक्रीट-सीमेंट से भरवा दिया। कार्यक्रम में ओमप्रकाश मोदी, कृष्ण बालुका, सुरेश डालमिया, राजेश बैद, संजय वैद्य, राजेंद्र भालोठिया आदि थे।

आयोजकों ने जानकारी नहीं दी: सीआई

मामले को लेकर सीआई आसाराम गुर्जर का कहना है कि थाने का पुराना स्टाफ मेला ड्यूटी में था और भामाशाह एवं उनके साथ आए लोगों ने जमीन को लेकर पूरी जानकारी नहीं दी। पड़ोस में मंदिर निर्माण हो रहा था। सामाजिकता के नाते मैं भी शामिल हो गया। रिकॉर्ड देखने पर उक्त जमीन पुलिस थाने की होना पता चली तो निर्माण कार्य रुकवाया।

हुकम नहीं हुआ, अब नई जगह देखेंगे

किराना व्यवसायी महेश मोदी का कहना था कि परिजनों की इच्छा के मुताबिक प्राचीन मंदिर के पास राम दरबार मंदिर बनवाने का प्रस्ताव था। भगवान का हुकम नहीं हुआ, अब राय मशवरा करके नई जगह मंदिर बनवाएंगे

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