[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

मां योजना में झुंझुनूं का बीडीके हॉस्पिटल टॉप में:नवलगढ़ का जिला अस्पताल दूसरे नंबर पर, इडाली सीएचसी की परफॉर्मेंस सबसे कमजो


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

मां योजना में झुंझुनूं का बीडीके हॉस्पिटल टॉप में:नवलगढ़ का जिला अस्पताल दूसरे नंबर पर, इडाली सीएचसी की परफॉर्मेंस सबसे कमजो

मां योजना में झुंझुनूं का बीडीके हॉस्पिटल टॉप में:नवलगढ़ का जिला अस्पताल दूसरे नंबर पर, इडाली सीएचसी की परफॉर्मेंस सबसे कमजो

झुंझुनूं : मां योजना (मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य महात्मा गांधी योजना) की जून और जुलाई महीने की रिपोर्ट जारी कर दी है। लगातार दूसरे महीने झुंझुनूं का बीडीके हॉस्पिटल पहले नंबर पर आया है। वहीं नवलगढ़ का जिला अस्पताल भी दूसरे नंबर पर है। जबकि इंडाली सीएचसी सबसे निचले पायदान पर है।

बीडीके अस्पताल रहा अव्वल

जून महीने में बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में कुल 2626 मरीज भर्ती हुए। इनमें से 1407 के दावे दर्ज किए गए और 55.65 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई। जुलाई माह में भी बीडीके ने अपना दबदबा बनाए रखा। इस दौरान यहां 1774 भर्ती में से 1219 मरीजों के दावे दर्ज हुए और 77.86 लाख रुपए का भुगतान हुआ।

नवलगढ़ जिला अस्पताल दोनों माह में दूसरे स्थान पर

बीडीके के बाद नवलगढ़ जिला अस्पताल का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। जून में यहां 1227 भर्ती मरीजों में से 732 के दावे दर्ज हुए। हालांकि जुलाई में 1299 भर्ती मरीजों में से केवल 472 के दावे ही हो पाए। जुलाई में इस अस्पताल की स्वीकृत राशि 14.96 लाख रही। आंकड़े बताते हैं कि नवलगढ़ अस्पताल का दावा प्रतिशत जून की तुलना में घटा है, फिर भी यह जिला स्तर पर दूसरे नंबर पर बना रहा।

मुकुंदगढ़ और गुढ़ागौड़जी ने दिखाया दम

सीएचसी मुकुंदगढ़ ने जून माह में सबसे शानदार प्रदर्शन करते हुए 96.76 प्रतिशत दावे दर्ज किए। वहीं जुलाई में सीएचसी गुढ़ागौड़जी और सीएचसी बबाई ने 85 प्रतिशत से ज्यादा दावे दर्ज कर अच्छी स्थिति हासिल की। इ

सीएचसी इस्लामपुर ने जून में 82.28 प्रतिशत दावे दर्ज कर अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं जुलाई में खेतड़ी अस्पताल ने 76.15 प्रतिशत दावे दर्ज किए। लेसीएचसी पिलानी का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा। जुलाई माह में यहां केवल 12.96 प्रतिशत दावे ही पूरे हो पाए।

रिजेक्शन दर बनी बड़ी चुनौती

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कई अस्पतालों में रिजेक्ट दावों का प्रतिशत बहुत ज्यादा रहा। सीएचसी बबाई में जुलाई माह में 22 दावे रिजेक्ट हुए, जो 43.14 प्रतिशत है। सीएचसी गुढ़ागौड़जी में 68 दावे रिजेक्ट हुए, जिसका प्रतिशत 26.56 रहा। वहीं सीएचसी सुलताना में 25.32 प्रतिशत दावे रिजेक्ट हुए। रिजेक्शन की यह दर मरीजों को समय पर इलाज और आर्थिक मदद मिलने में बड़ी बाधा साबित हो रही है।

दोनों माह में फिसड्डी रहा इंडाली

सीएचसी इंडाली का प्रदर्शन लगातार चिंताजनक रहा। जून में यहां 366 भर्ती मरीजों में से केवल 13 दावे ही दर्ज हो पाए और महज 15 हजार रुपए की राशि स्वीकृत हुई। जुलाई में भी हालात और खराब हो गए। इस दौरान 251 मरीज भर्ती हुए, लेकिन केवल 3 दावे दर्ज किए गए और मात्र 1800 रुपए की राशि ही स्वीकृत हुई। यह स्थिति बताती है कि सीएचसी इंडाली योजना का लाभ मरीजों तक पहुंचाने में पूरी तरह नाकाम रहा।

सीएमएचओ बोले-सुधार की जरूरत

जिला सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने बताया कि योजना के तहत कई अस्पतालों ने अच्छा काम किया है।कई संस्थानों में सुधार की जरूरत है। पिछड़ने वाले अस्पतालों को रैंकिंग सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य है कि मरीजों को भर्ती होने के बाद इलाज की राशि का भुगतान सहज रूप से हो, इसलिए आने वाले दिनों में इस दिशा में और सख्ती से निगरानी की जाएगी।

Related Articles