झुंझुनूं में 9वीं की स्टूडेंट ने सुसाइड किया:पिता बोले- वह मजबूत बच्ची थी, वार्डन ने परेशान किया; प्रिंसिपल ने कहा- 100 रुपए मांगे थे
झुंझुनूं में 9वीं की स्टूडेंट ने सुसाइड किया:पिता बोले- वह मजबूत बच्ची थी, वार्डन ने परेशान किया; प्रिंसिपल ने कहा- 100 रुपए मांगे थे

झुंझुनूं : 9वीं क्लास में पढ़ने वाली 14 साल की नाबालिग ने स्कूल के हॉस्टल के रूम में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। परिजनों का आरोप है कि बच्ची ने घर पर बताया था कि हॉस्टल वार्डन उसे परेशान करती है। साथ ही, चोरी करने का आरोप भी लगाया है। इधर, स्कूल प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा- बच्ची ने वार्डन से 100 रुपए मांगे थे। इस पर वार्डन ने पहले उसके पेरेंट्स से बात करने को कहा था। इसके आधे घंटे बाद उसने सुसाइड कर लिया। मामला 31 अगस्त दोपहर 3 बजे का झुंझुनूं के बगड़ थाना इलाके के पीरामल गर्ल्स स्कूल का है।
बगड़ थाना SHO चंद्रभान चौधरी ने बताया- 3 बजे सूचना मिली थी कि पीरामल गर्ल्स स्कूल में एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया है। मौके पर पहुंचे तो पहचान जीविका शर्मा (14) पुत्री दुर्गेश निवासी गुरुग्राम के रूप में हुई। बच्ची ने रूम में फंदा लगाकर सुसाइड किया था। पिता दुर्गेश ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ रिपोर्ट दी है। मामला दर्ज कर जांच जारी है।
अब समझिए दोनों पक्ष क्या कह रहे
पिता बोले- 29 अगस्त को हुई थी आखिरी बात
पिता दुर्गेश कुमार ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया- उनकी बेटी जीविका 9वीं क्लास में पढ़ती थी। वह यहां स्कूल के ही हॉस्टल में रहती थी। उन्होंने बताया कि उनकी आखिरी बार 29 अगस्त को गणेश विसर्जन के दिन उनकी जीविका से बात हुई थी। वह स्कूल के ही कार्यक्रम में जा रही थी। बहुत अच्छे से बात हुई थी।
वार्डन पर परेशान करने का आरोप
पिता ने बताया- उस बातचीत के दौरान जीविका ने बताया कि हॉस्टल की वार्डन उसे रोज परेशान करती थी और उस पर जबरन चोरी करने का आरोप भी लगा रही थी। पिता ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जून की छुट्टियों में जब जीविका घर आई थी, तब उसने बताया था कि हॉस्टल की कुछ लड़कियां गलत रास्ते पर चल रही हैं। जीविका ने यह भी बताया था कि हॉस्टल वार्डन बाहर के लड़कों से हॉस्टल की लड़कियों का संपर्क करवाती है।
वह बहुत मजबूत लड़की थी
पिता ने बताया- वह 3 साल से स्कूल में पढ़ रही थी। वह कोई डिप्रेशन में नहीं थी। यह मुझे सुसाइड नहीं लग रहा है। मैं इसकी निष्पक्ष जांच चाहता हूं। वह बहुत मजबूत लड़की थी। पिता ने बताया- हम हॉस्टल पहुंचे तो वार्डन रो-रोकर बच्चों को इन्फ्लुएंस करने की कोशिश कर रही है। यहां कुछ तो हुआ है कोई बच्चों में झगड़ा हुआ है या कुछ तो है जिससे बच्ची को सुसाइड करना पड़ा।
प्रिंसिपल बोलीं- उसे यहां कोई समस्या नहीं थी
स्कूल की प्रिंसिपल कविता अग्रवाल ने बताया- बच्ची यहां सातवीं क्लास से पढ़ रही थी। उसे यहां किसी भी चीज की दिक्कत नहीं थी। हमें उसे कहीं ले जाना हो या कुछ दिलाना हो तो उसके पेरेंट्स से बात करनी पड़ती थी। अग्रवाल ने बताया- ऐसे में कई बार तो वह कुछ चीज मांगती तो हमें उसके पेरेंट्स से पूछना पड़ता था। ऐसे में, कई बार वे दिलाते थे और नहीं भी दिलाते थे। मुझे लगता है उसके परिवार से ही कुछ समस्या थी।
दावा 100 रुपए मांगे थे
प्रिंसिपल कविता अग्रवाल ने बताया- बच्ची ने 31 अगस्त की दोपहर को हॉस्टल वार्डन से 100 रुपए मांगे थे। वार्डन ने पहले उसके माता-पिता से बात करने को कहा, और उसके आधे घंटे बाद ही बच्ची ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की सूचना मिलते ही स्कूल प्रशासन ने तुरंत बच्ची को अस्पताल पहुंचाया और उसके परिवार को भी सूचित किया।