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आनंदपाल को मारने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कोर्ट में याचिका:पत्नी की मांग- प्रमोशन-अवॉर्ड सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ, लाभ रद्द किए जाएं


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आनंदपाल को मारने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कोर्ट में याचिका:पत्नी की मांग- प्रमोशन-अवॉर्ड सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ, लाभ रद्द किए जाएं

आनंदपाल को मारने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कोर्ट में याचिका:पत्नी की मांग- प्रमोशन-अवॉर्ड सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ, लाभ रद्द किए जाएं

चूरू : गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की पत्नी राजकंवर ने चूरू कोर्ट में एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के पालन करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि सीबीआई कोर्ट पहले ही इस एनकाउंटर को फर्जी करार दे चुकी है। इसके बाद भी इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन और पुरस्कार दिए गए।

यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के 23 सितंबर 2014 के आदेशों के खिलाफ है। जिसमें साफ निर्देश हैं कि किसी भी एनकाउंटर के तुरंत बाद गैलेंट्री अवॉर्ड या अन्य लाभ तब तक नहीं दिए जा सकते। जब तक बहादुरी संदेह से परे साबित न हो जाए। गैंगस्टर का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने जून 2017 में चूरू के मालासर में एनकाउंटर किया था।

राजकंवर के वकीलों का कहना है कि हमारी मांग है जो लोग दोषी हैं उनके खिलाफ एक्शन हो।
राजकंवर के वकीलों का कहना है कि हमारी मांग है जो लोग दोषी हैं उनके खिलाफ एक्शन हो।

गैंगस्टर की पत्नी की मांग- जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई

एडवोकेट नरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि आनंदपाल की पत्नी राजकंवर की ओर से 13 अगस्त 2025 को प्रार्थना पत्र पेश किया गया है। जिसमें ये मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के जो आदेश हैं उनकी अच्छे से पालना की जाए। एक दिन पहले किसी कारणवश और ये प्रार्थना पत्र न्यायालय द्वारा नहीं लिया गया, लेकिन आज जो सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है, वो दिखाने के बाद कोर्ट ने यह प्रार्थना पत्र ले लिया है और उसमें कार्रवाई करने के कोर्ट ने 25 अगस्त की तारीख दी है।

आनंदपाल की पत्नी राजकंवर ने कोर्ट से आग्रह किया है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाए। ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। ताकि कानून का राज कायम रहे और जनता का न्याय व्यवस्था पर भरोसा बना रहे। न्यायिक आदेशों की अनदेखी न केवल कानून के शासन को कमजोर करती है। बल्कि यह जनता के भरोसे को भी गहरी चोट पहुंचाती है।गैंगस्टर आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे। एनकाउंटर को लेकर सवाल भी उठे थे।

कोर्ट ने एनकाउंटर को माना फर्जी

राठौड़ ने बताया कि जो आनंदपाल एनकाउंटर था, उसको कोर्ट ने फर्जी माना है। उस एनकाउंटर जो भी पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और आईपीएस थे, उन को 302 हत्या के प्रकरण में दोषी माना है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना नहीं की गई। राजस्थान सरकार और पुलिस विभाग की ओर से एनकाउंटर के दोषियों को प्रमोशन दिए गए हैं। हमारी मांग है कि जो भी लाभ थे वो वापस लिए जाएं। जो लोग दोषी हैं, कोर्ट ने भी उनके खिलाफ प्रसंज्ञान लिया है।

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