क्रेशर और माइनिंग एसोसिएशन की हड़ताल:रॉयल्टी में 25 प्रतिशत की वृद्धि का विरोध, ड्रोन सर्वे को बताया अव्यवहारिक
क्रेशर और माइनिंग एसोसिएशन की हड़ताल:रॉयल्टी में 25 प्रतिशत की वृद्धि का विरोध, ड्रोन सर्वे को बताया अव्यवहारिक

नीमकाथाना : नीमकाथाना में क्रेशर और माइनिंग एसोसिएशन की हड़ताल 13वें दिन भी जारी है। नीमकाथाना माइनिंग एंड क्रेशर वेलफेयर सेवा समिति ने राज्य सरकार के खनन क्षेत्र में लागू किए गए नए नियमों का विरोध किया है। समिति ने कई मुद्दों को लेकर हड़ताल की है। इनमें रॉयल्टी में 25 प्रतिशत की वृद्धि, एक राज्य में दो अलग दरों से रॉयल्टी वसूली शामिल है। साथ ही हरियाणा सरकार द्वारा राजस्थान से आने वाले खनिज पर 80 रुपए प्रति टन अतिरिक्त आईएसटीपी शुल्क की वसूली का भी विरोध है।

खदानों में एआई के जरिए पंचनामा बनाने, ट्रैक्टरों के रवन्ना और टीपी पर जुर्माना लगाने और ड्रोन सर्वे को भी समिति ने अव्यवहारिक बताया है। समिति के उपाध्यक्ष महेंद्र गोयल और सचिव शंकर सैनी ने खनन और क्रेशर को उद्योग का दर्जा देने की मांग की है। सचिव शंकर सैनी के अनुसार, खान विभाग का इस वर्ष का राजस्व लक्ष्य 12 हजार करोड़ रुपए है। इसमें से करीब 7 हजार करोड़ रुपए स्मॉल माइंस सेक्टर से आने हैं। हड़ताल के कारण 13 दिनों में राज्य सरकार को रॉयल्टी में 250 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
2200 क्रेशर और 18000 स्मॉल माइंस के बंद होने से प्रत्यक्ष रूप से 6 लाख 70 हजार लोग बेरोजगार हुए हैं। अप्रत्यक्ष रूप से करीब 10 लाख लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है। रोजाना 150 करोड़ के हिसाब से कुल कारोबार में अब तक 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।