झुंझुनूं में महिलाओं को फ्री में सीखाएंगे ड्राइविंग:मरू उड़ान कार्यक्रम तहत हुई शुरूआत, कलेक्टर ने दिखाई हरी झंडी
झुंझुनूं में महिलाओं को फ्री में सीखाएंगे ड्राइविंग:मरू उड़ान कार्यक्रम तहत हुई शुरूआत, कलेक्टर ने दिखाई हरी झंडी

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में अब महिलाओं को फ्री में चार पहिया वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी शुरुआत बुधवार से हो गई है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे मरू उड़ान कार्यक्रम के अंतर्गत इसकी शुरुआत की गई है। जिला कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर से प्रशिक्षण समूह को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है, ताकि वे परिवहन साधनों के संचालन में भी बराबरी से भागीदारी निभा सकें।
आत्मनिर्भरता का नया जरिया मिलेगा
कार्यक्रम के तहत चयनित महिलाओं को पूर्णतः निःशुल्क चार पहिया वाहन चलाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा और प्रशिक्षण के दौरान आवश्यक तकनीकी व व्यावहारिक जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण से न केवल महिलाएं स्वयं की आवाजाही के लिए सक्षम बनेंगी बल्कि भविष्य में यह उनके रोजगार का भी जरिया बन सकता है।
महिलाओं को अवसर देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
इस मौके पर कलेक्टर गर्ग ने कहा कि जिला प्रशासन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के हर प्रयास में पूरी भागीदारी निभा रहा है। मरू उड़ान जैसे नवाचार कार्यक्रमों के जरिए हम महिलाओं को उनके अधिकार, कौशल और अवसर देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। कलेक्टर ने यह भी बताया कि भविष्य में और अधिक महिलाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा, ताकि जिले में महिला चालकों की संख्या में बढ़ोतरी हो और उन्हें रोजगार के अवसर भी मिलें।
आगे भी जारी रहेगा प्रशिक्षण
महिला अधिकारिता विभाग की योजना है कि यह प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया के रूप में चलता रहे। आगामी चरणों में और अधिक इच्छुक महिलाओं को जोड़ा जाएगा और जरूरतमंदों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में भी सहायता दी जाएगी।
सुरक्षित सफर के लिए खुद ड्राइव करें महिलाएं
इस पहल को महिलाओं की सुरक्षा, आत्मविश्वास और स्वतंत्रता से भी जोड़ा जा रहा है। महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक विप्लव न्योला ने बताया कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए एक अवसर है, जो अब तक यातायात के क्षेत्र में पीछे रह गई थीं। “अब महिलाएं खुद गाड़ी चलाकर न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार को भी सुरक्षित गंतव्य तक पहुंच सकेंगी। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर विजेंद्र राठौड़, महिला पर्यवेक्षकगण एवं संबंधित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।