हाईटेंशन लाइन के टावर निर्माण पर विवाद:किसानों और प्रशासन के बीच टकराव, मुआवजे पर नहीं बनी सहमति
हाईटेंशन लाइन के टावर निर्माण पर विवाद:किसानों और प्रशासन के बीच टकराव, मुआवजे पर नहीं बनी सहमति

सरदारशहर : सरदारशहर के उपखंड क्षेत्र के गांव बिल्यूं बास रामपुरा में हाईटेंशन लाइन टावरों के निर्माण को लेकर मंगलवार को किसानों और प्रशासन के बीच तनाव की स्थिति बनी रही। सुबह 10 बजे टावर कंपनी के कर्मचारी, बिजली विभाग की टीम और भानीपुरा तहसीलदार भारी पुलिस बल के साथ खेतों में पहुंचे। इस पर किसानों ने किसान सभा के नेतृत्व में विरोध दर्ज कराया। भानीपुरा थाना प्रभारी रायसिंह सुथार के साथ किसानों की कई दौर की वार्ता हुई। लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। किसानों ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक बाजार दर से चार गुना मुआवजा, फसल क्षति और पेड़ों के नुकसान की भरपाई नहीं होती, तब तक टावर का कार्य नहीं होने देंगे।
दिनभर की तनातनी के बाद प्रशासन ने पीछे हटते हुए 6 अगस्त को उपखंड अधिकारी (SDM) के साथ वार्ता तय की है। इससे समाधान की उम्मीद जताई जा रही है। किसानों की प्रमुख मांगों में भूमि अधिग्रहण का मुआवजा बाजार दर से चार गुना देने, फसल नुकसान का भुगतान MSP दर पर करने, खेतों में बने कुंड, पेड़ों व अन्य नुकसान का सर्वे कर उचित मुआवजा देने और मुआवजा दिए बिना टावर निर्माण का अगला कार्य न करने की मांग शामिल है।
किसान सभा के नेता कॉमरेड रामकृष्ण छींपा ने कहा कि टावर कंपनी और प्रशासन जबरदस्ती कार्य शुरू करवा रही है। यह किसानों के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने चेतावनी दी कि दबाव बनाकर कार्य करवाया गया तो किसान आंदोलन तेज करेंगे। किसान मुखराम पूनिया ने भी कहा कि खेतों में जबरदस्ती घुसने की कोशिश की गई तो बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों के हक का मुआवजा नहीं मिलेगा, टावर पर एक भी तार नहीं खींचने देंगे।
इस विरोध प्रदर्शन में भगवानाराम जाखड़, सांवरमल मेघवाल, काशीराम सारण, रामकरण भांभू, श्योकरण पूनिया सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। ग्रामीणों की एकजुटता और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा इस बात का संकेत है कि बिना मुआवजे के आगे कोई कार्य संभव नहीं होगा। अब 6 अगस्त को एसडीएम के साथ होने वाली वार्ता पर सबकी निगाहें टिकी हैं।